पुलिस उपाधीक्षक राम सिंह जाट ने बताया कि 20 दिसंबर 2024 को जयपुर रोड पर हमलावरों ने कमल पुत्र रामनिवास कंजर निवासी घाड की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने वारदात का खुलासा कर शातिर अपराधियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे। मामले में थानाधिकारी दौलत राम गुर्जर के नेतृत्व में टीम गठित की गई।
इनकी बनाई टीम
ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करने के लिए थानाधिकारी दौलत राम गुर्जर, साइबर सेल टोंक के हेड कांस्टेबल राजेश गुर्जर, साइबर सेल कांस्टेबल राजेश शर्मा, हेड कांस्टेबल अब्दुल वहाब, कांस्टेबल इस्माइल एव जीतराम को लगाया गया।
यह था मामला
पीड़ित संतोष कुमार पुत्र शक्ति सिंह निवासी पोल्याडा ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इसमें बताया था कि उसे 19 दिसंबर 2024 शाम को कॉल आई और तीन आदमी देवली बस स्टैण्ड आने की बात हुई। इनसे 10-12 दिन से व्हाट्सएप चेटिंग, कॉलिंग एवं इंस्टाग्राम कॉलिंग हुई। लेकिन वह उनको जानता नहीं था। उन्हें लेने के लिए पोल्याड़ा से कमल पुत्र रामनिवास कंजर घाड, पोल्याडा निवासी वीरू पुत्र श्रीचंद कंजर तथा वहीं के जीतू की कार को लेकर अस्पताल दिखाने के बहाने आए। बस स्टैंड के बाहर से तीनों को कार में बैठाकर जाते समय जयपुर रोड़ पर अचानक गोली चलाई जो संतोष के कंधे पर गोली लगी। संतोष व वीरू ने एक पिस्तौल छीन ली व गाड़ी से नीचे उतर कर भागे। इस पर तीनों आरोपी गाड़ी में कमल को कार सहित अपहरण कर ले गए व गोली मारकर उसकी हत्या कर भाग गए। हत्या के इरादे से ही आए थे
थानाधिकारी दौलत राम ने बताया कि अनुसंधान के दौरान सामने आया कि शूटर गैंग के तीनों सदस्य लोडेड़ हथियारों से लैस थे। जिनका इरादा अफीम बेचने के नाम पर धोखाधड़ी का शिकार बनाने वाले परिवादी पक्ष के लोगों को मौका पाकर हत्या करना था। वारदात के दौरान एक पिस्टल मैग्जीन निकलने एवं एक पिस्टल लॉक होने से अपराधियों की इच्छानुसार फायर नहीं हो पाए।
फायरिंग कर ख़ौफ पैदा करते थे
गिरफ्तार आरोपी फायरिंग कर लोगों में खौफ पैदा करते थे। अन्य साथियों के साथ पूर्व में हरियाणा के हरनोल व निसींग गांव में दो बार फायरिंग की है।
कृत्रिम पैर से करता था गुमराह
गिरफ्तार जसदीप का सड़क हादसे में बायां पैर कट चुका है। जिसे उसने वारदात के बाद पुलिस को गुमराह करने का हथियार बनाया। वारदात के दौरान कृत्रिम पैर लगाया। वह बिना बैसाखियों के सहारे चल सकता है। पुलिस के पीछा करने या शक करने की सूरत में कृत्रिम पैर को हटाकर एक पैर का दिव्यांग बन बैसाखियां पकड़ लेता है। ताकि पुलिस उस पर गंभीर वारदात करने का शक पैदा न करें।
पहचान के लिए 600 कैमरे खंगाले
टीम ने वारदात का बारीकी से विश्लेषण किया। घटनास्थल के आसपास, टोंक व बूंदी में ठहरने की जांच, हुलिए से अपराधियों की सारगर्भित सूचनाएं संकलित की। लगभग 600 कैमरे देखे और अपराध से पूर्व अपराधियों की तथ्यपरक जानकारियां जुटाई। हेड कांस्टेबल राजेश कुमार ने तकनीकी उपकरणों के साक्ष्य संकलित किए। परिवादी पक्ष के व्यक्तियों के अन्य राज्यों के लोगों से नकली सोना, मादक पदार्थ बेचने के नाम पर संभावित धोखाधड़ी पर जांच का परिक्षेत्र राज्य से बाहर पंजाब एवं हरियाणा पर केन्द्रित किया गया। जांच में ठोस साक्ष्य प्राप्त बाद मुख्य शार्प शूटर जसदीप को गिरफ्तार किया है।उसके खिलाफ हरियाणा में आपराधिक रेकॉर्ड के दो माह में दो मामले दर्ज है।