हड़ताल और प्रदर्शन के चलते शनिवार दोपहर 12 बजे प्रशासनिक भवन में बैठक हुई, इसमें कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा, आर्ट्स कॉलेज डीन प्रो. हेमंत द्विवेदी, लॉ कॉलेज डीन प्रो. आनन्द पालीवाल, प्रबंध अध्ययन संकाय निदेशक प्रो. मीरा माथुर, कम्प्यूटर सेंटर निदेशक डॉ. अविनाश पंवार, कुलसचिव डॉ. वीसी गर्ग, परीक्षा नियंत्रक डॉ. राजेश कुमावत शामिल हुए। एफएसएबी कर्मचारियों के संबंध में राज्य सरकार से वार्ता के लिए समिति गठित की गई, जो कुलपति के साथ उच्च शिक्षा विभाग से वार्ता करेगी। कमेटी में प्रो. आनन्द पालीवाल, डॉ. अविनाश पंवार, डॉ. वीसी गर्ग को सदस्य चुना गया। साथ ही डॉ. एमएस ढाका की जगह डॉ. केबी जोशी को साइंस कॉलेज डीन बनाने पर सहमति बनी। इस आधार पर रजिस्ट्रार की ओर से आदेश जारी किया गया। डॉ. जोशी को एक साल के लिए या अगले आदेश तक नियुक्त किया गया।
गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी में एबीवीपी और कर्मचारियों की ओर से पिछले दिनों से आंदोलन किया जा रहा था। विभिन्न मांगों में एक मांग यह भी थी कि साइंस कॉलेज के डीन डॉ. एमएस ढाका को पद से हटाया जाए।
कर्मचारियों की मांगें पूरी
अशैक्षणिक कर्मचारी की हड़ताल सभी मांगें मानने पर खत्म कर दी गई। कर्मचारी संघ के संरक्षक भरत व्यास ने आंदोलन में सहयोग करने पर छात्र संगठनों का आभार जताया। एनएसयूआई जिलाध्यक्ष मोहित नायक, एबीवीपी के रौनक राज सिंह शक्तावत, एनएसयूआई पूर्व प्रदेश महासचिव रोहित पालीवाल, छात्र संघ अध्यक्ष देवेंद्र सिंह राठौड़, समीर मेघवाल, अभिषेक सिंह राव मौजूद रहे।
विद्यार्थियों को हो रही थी परेशानी
– विश्विद्यालय में कर्मचारियों कि हड़ताल के कारण विश्वविद्यालय के कई छात्रों के टीसी, माइग्रेशन जैसे काम नहीं हो रहे थे। – कर्मचारियों के विषय में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कोई ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे है और छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। – कोरोना काल में सेमेस्टर में देरी हुई, जिसको लेकर व्यवस्थाएं नहीं सुधरी, प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों की परीक्षा के परिणाम घोषित नहीं हो पाए।