एमपी के प्रमुख महानगर इंदौर, खंडवा, उज्जैन आदि शहरों में अतिक्रमण हटाने का काम शुरु हो गया है। उज्जैन में तो एक
बड़ी बिल्डिंग को ही धराशायी कर दिया गया। बिल्डिंग मालिक ने कोर्ट का स्टे आर्डर ले लिया था जिसके कारण इसे हटाया नहीं जा सका। स्टे आर्डर हटते ही प्रशासन ने बिल्डिंग पर बुलडोजर चला दिया।
उज्जैन में सिंहस्थ को देखते हुए शहरभर की सड़कें चौड़ी की जा रहीं हैं। केडी गेट से इमली तिराहे तक की सड़क चौड़ी करने का काम अधूरा पड़ा था। एक इमारत के कारण यह कार्य पूरा नहीं हो पा रहा था। अब इस बिल्डिंग को ही गिराने का काम शुरु कर दिया गया है।
बहुमंजिला इमारत के मालिक ने कोर्ट का स्टे आर्डर ले लिया था। इसकी वजह से एक साल से इसे ध्वस्त करने की कार्रवाई रुकी पड़ी थी। उज्जैन नगर निगम के जोनल अधिकारी राजकुमार राठौर के अनुसार कोर्ट द्वारा स्टे हटा दिए जाने के बाद मल्टी स्टोरी को जमींदोज करने का प्लान बनाया गया। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में यह कार्रवाई की गई।
बता दें कि उज्जैन में सिंहस्थ को देखते हुए शहरभर की सड़कें चौड़ी की जा रहीं हैं। दो साल पहले केडी गेट से इमली तिराहे तक सड़क चौड़ीकरण का प्रस्ताव तैयार हुआ था। इसमें 485 मकानों और धार्मिक स्थलों को हटाने पर सहमति बनी। नगर निगम ने प्रभावितों को मुआवजा के साथ ही वैकल्पिक निर्माण की भी मंजूरी दी।
बता दें कि प्रदेश के अन्य शहरों में भी अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं। प्रदेशभर में ऐसे हजारों मकान, दुकान चिन्हित किए गए हैं जिन्हें हर हाल में हटाया जाएगा। सोमवार को खंडवा में रेलवे ने भी अपनी जमीन से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरु की।