पुलिस कस्टडी में लिए जाने के बाद ली गई तलाशी के दौरान युवक के पास से सीएम प्रोटोकॉल का फर्जी आईडी कार्ड और एक वॉकी-टॉकी बरामद हुआ है। हालांकि, संदिग्ध युवक से पुलिस अब और गहन पूछताछ करने की बात कह रही है। पहली प्राथमिकता इस बात की जांच करना है कि आखिर युवक किस उद्देश्य से इतनी तैयारी के साथ सीएम के कार्यक्रम में आया था।
यह भी पढ़ें- अवैध कोयला खदान में बड़ा हादसा, मिट्टी धंसने से पति-पत्नी की दर्दनाक मौत फर्जी अफसर बनकर पहुंचा युवक
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शनिवार को उज्जैन में कई कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। शाम को वे महाकाल मंदिर में रुद्रसागर पर बने सम्राट अशोक सेतु के लोकार्पण समारोह में पहुंचे थे। वहां बड़ी संख्या में लोग सीएम का संबोधन सुनने पहुंच थे। सुरक्षा व्यवस्था में भारी पुलिस बल भी तैनात था। इसी बीच कोट पैंट पहने एक शख्स पुलिस अधिकारियों के बीच घूमना नजर आया। वो लगातार चौरों और नजर रखकर वॉकी पर चर्चा कर रहा था। ऐसे में मौके पर तैनात एडिशनल एसपी नितेश भार्गव को सबसे पहले युवक पर संदेह हुआ।
युवक को हिरासत में लेकर महकाल थाने लाई पुलिस
उन्होंने नजदीक से गुजरते हुए पहले चेक किया तो युवक के गले में सीएम प्रोटोकॉल का आईडी कार्ड टंगा था और वो हाथ में वॉकी-टॉकी लिए उसपर सक्रीय था। संदेह गहराने पर जब पुलिस अधिकारियों ने उसे रोककर पूछताछ की तो उसने खुद को सीएम का सुरक्षा अधिकारी बताया। लेकिन, जब पुलिस ने गंभीरता से सवाल किए तो मामला संदिग्ध लगा। इसके बाद युवक को तुरंत हिरासत में लेकर महाकाल थाने पहुंचाया गया। यह भी पढ़ें- ‘काशी-मथुरा और अयोध्या से कम नहीं भोजशाला मुद्दा’, सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई फर्जी आईडी और वॉकी-टॉकी बरामद
अगले दिन जब पुलिस ने युवक की तलाशी ली तो उसके पास से ‘मध्यप्रदेश शासन, मुख्यमंत्री कार्यालय, वल्लभ भवन भोपाल’ का आईडी कार्ड मिला, जिस पर अधिकरी का नाम- सिद्धार्थ जैन, पद- प्रोटोकॉल ऑफिसर और आईडी नंबर 2908527 दर्ज था। इसके अलावा, उसके पास एक वॉकी-टॉकी भी मिला, जिसपर मध्य प्रदेश शासन का स्टिकर लगा था।
मामले की गहन जांच में जुटी पुलिस
हालांकि, दो दिन में अबतक पुलिस ये सुराग नहीं जुटा पाई है कि आखिर संदिग्ध युवक किस उद्देश्य से कार्यक्रम में आया था। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है और यह भी जांच कर रही है कि, क्या वो किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की पिराक में था। साथ ही, पुलिस युवक की मानसिक स्थिति भी जांच रही है। खासतौर पर ये पता लगाया जा रहा है कि फर्जी आईडी और वॉकी-टॉकी उसे कहां से मिली। मामले को लेकर पुलिस जल्द ही पूरा खुलासा कर सकती है।