मप्र सहित उज्जैन में कांग्रेस(MP Congress) नए शहर व जिला अध्यक्ष नियुक्त करने वाली है। शहर को लेकर एआइसीसी पर्यवेक्षक रागिनी नायक पहले ही ब्लॉकों में रायशुमारी शुरू कर चुकी हैं। जिलाध्यक्ष के लिए शनिवार से नदीम जावेद बैठकों का दौर शुरू करेंगे। अध्यक्ष बनने के लिए कई नेता दावेदारी कर रहे हैं। शहर में ही आधा दर्जन से अधिक प्रमुख दावेदार है। जिले में भी लगभग यही स्थिति है। इनके अलावा ऐसे भी कई दावेदार खड़े हो गए हैं जिन्होंने कुछ दिन पहले तक पद को लेकर कोई तैयारी नहीं की थी। हालांकि पर्यवेक्षक खासी बारीकी से दावेदारी को प्लस-माइनस के तराजू में तोल रहे हैं।
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शहर व जिले में तीन-चार नाम ऐसे हैं जिनकी दावेदारी खासी मजबूत मानी जा रही है लेकिन उनके माइनस पाइंट भी पता किए जा रहे हैं। फीडबैक में पता लगाया जा रहा है कि दावेदार की सरकार या भाजपा से सांठगांठ तो नहीं है, भाजपा के बड़े नेता, विधायक आदि से व्यावसायिक संबंध तो नहीं है, रिश्तेदारी के कारण पार्टी के कार्य करने में बाधा तो नहीं आएगी, पूर्व चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचाया आदि। सूत्रों के अनुसार जहां समर्थक दावेदारों के गुण बता रहे हैं, विरोधी उनकी कमियां भी उजागर कर रहे हैं। पर्यवेक्षक सभी की सुन अपनी रिपोर्ट ३० जून तक एआइसीसी को सौंपेंगे। इसमें ५-६ दावेदारों के नामों की पैनल हो सकती है।
शहर अध्यक्ष के लिए दावेदार
1. मुकेश भाटी: ब्लॉक अध्यक्ष के बाद वर्तमान में शहर अध्यक्ष हैं। 2. चेतन यादव: पीसीसी पदाधिकारी के साथ ही पूर्व पार्षद व इस बार के विधानसभा चुनाव प्रत्याशी रहे। 3. विक्की यादव: पूर्व में विधानसभा चुनाव लड़े हैं। 4. हिमांशु जोशी- पूर्व पार्षद के साथ संगठन में विभिन्न दायित्व संभालें। 5. माया त्रिवेदी: उत्तर से विधानसभा चुनाव लड़ा। वर्तमान में पार्षद। 6. अंजु जाटवा: संगठन में विभिन्न जिम्मेदारी संभाली।
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1. हेमंतसिंह चौहान: यूथ कांग्रेस लोकसभा अध्यक्ष व राष्ट्रीय सचिव रहे। जन आंदोलन में सक्रीय भूमिका।
2. अजीतसिंह ठाकुर: ब्लॉक अध्यक्ष व कॉपरेटिव बैंक अध्यक्ष रहे। पत्नी पूर्व जनपद अध्यक्ष हैं। सक्रीय नेता। 3. रणछोड़ त्रिवेदी: जिला पंचायत सदस्य रहे हैं। पुराने व मिलनसार कार्यकर्ता। 4. मुरली मोरवाल: जिला पंचायत सदस्य व बडऩगर विधायक रहे। इस बार भी विस चुनाव लड़ा था। अपनी टीम है।
5. भरत पोरवाल: जिला पंचायत उपाध्यक्ष रहे। लंबे समय से जिले में सक्रिय हैं।
नेताओं ने नए नाम आगे किए, भीड़ बढ़ी
शहर व जिला अध्यक्ष की दावेदारी के लिए कुछ दिनों में ही अधिक भीड़ बढ़ी है। दोनों सीट्स के लिए करीब एक-एक दर्जन दावेदार मैदान में उतर आए हैं। शहर में तो कुछ दावेदार सर्वे शुरू होने के बाद खड़े हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, अचानक नाम बढऩे के पीछे एक कारण कुछ नेताओं द्वारा ही कार्यकर्ताओं से दावेदारी करवाना है ताकि दूसरे दावेदार की दावेदारी प्रभावित हो। पैनल में क्राइट एरिया होने से भी दावेदारों की संख्या बढ़ी है। इसके अलावा एक आकर्षण यह भी है कि यदि दावेदार का नाम पैनल में शामिल हो गया तो एआइसीसी तक नाम चला जाएगा। भविष्य में इसका लाभ मिल सकता है।