महाकाल लोक(Mahakal lok) के बाद बढ़ते उज्जैन के लिए जरूरी पेयजल व्यवस्था को लेकर 940 करोड़ की कार्ययोजना बनाई गई है। इससे शहर की जलप्रदाय व्यवस्था को और बेहतर बनेगी। दरअसल, शहर में अब भी कई जगह 50 साल पुरानी पाइप लाइन डली है, तो बढ़ते शहर के मान से पर्याप्त पानी की टंकियां भी मौजूद नहीं है। वहीं 9 लाख की आबादी वाले शहर के साफ पानी देने के लिए पर्याप्त फिल्टर प्लांट भी नहीं हैं।
250 एमएलडी क्षमता के बनेंगे फिल्टर प्लांट
अब भी पानी साफ करने के लिए 135 एमएलडी क्षमता के तीन प्लांट हैं। नई कार्ययोजना में दोगुने से ज्यादा यानी 250 एमएलडी क्षमता के प्लांट स्थापित होंगे। हरियाखेड़ी में 40 और 60 एमएलडी, अंबोदिया 70 एमएलडी, गऊघाट पर 30 और 50 एमएलडी के दो प्लांट स्थापित होंगे। ऐसे में शहर में करीब 375 एमएलडी क्षमता के फिल्टर प्लांट उपलब्ध होंगे।शहर में बेहतर होगी जलप्रदाय व्यवस्था
जलप्रदाय व्यवस्था को बेहतर करने 940 करोड़ रुपए की कार्ययोजना तैयार की है। इसमें पूरे शहर में पाइप लाइन डालने, 250 एमएलडी क्षमता के 5 फिल्टर प्लांट तो 14 नई टंकी तैयार करेंगे।मनोज मौर्य, प्रभारी व उपायुक्त पीएचईसुदढ़ होगी व्यवस्था
जलप्रदाय व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए यह महत्वपूर्ण कार्ययोजना है। इससे श्हरवासियों के साथ ही सिंहस्थ के दौरान भी लाखों श्रद्धालुओं को पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। -कलावती यादव, अध्यक्ष, नगर निगमइधर, एक दिन छोड़कर जलप्रदाय की तैयारी
गंभीर डैम में तेजी से कम हो रहे पानी को लेकर शहर में एक दिन छोडक़र जलप्रदाय की तैयारी की जा रही है। संभवत: 20 मार्च बाद शहर में जलप्रदाय व्यवस्था में बदलाव हो सकता है। जलकार्य समिति प्रभारी प्रकाश शर्मा का कहना है, गंभीर डैम का निरीक्षण कर जानेंगे कि पानी की उपलब्धता कितनी है। इसी आधार पर जलप्रदाय व्यववस्था का प्रस्ताव तैयार करेंगे। एमआइसी और सदन में रखने के उपरांत ही एक दिन छोड़कर जलप्रदाय का फैसला लेंगे।खासियत
- 500 किमी नई पाइपलाइन बिछाई जाएगी।
- 14 नई पानी की टंकियां बनाई जाएंगी।
- 250 एमएलडी क्षमता के 5 नए फिल्टर प्लांट बनेंगे।
- सिंहस्थ 2028 से पहले कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य।