Ramlala Surya Tilak: रामनवमी 2025: अयोध्या में रामलला के दिव्य सूर्य तिलक की भव्य तैयारी
Ram Navami Surya Tilak: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के अनुसार इस वर्ष रामनवमी के दिन, ठीक 12:00 बजे, रामलला के मस्तक पर सूर्य की किरणें अभिषेक करेंगी, जैसा कि पिछले वर्ष भी हुआ था। यह आयोजन सूर्य तिलक या सूर्य अभिषेक के नाम से जाना जाता है, जिसमें सूर्य की किरणें सीधे रामलला के मस्तक पर पड़ती है, जिससे एक दिव्य तिलक बनता है।
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने की तैयारियों की समीक्षा
Ayodhya Ramlala Surya Tilak: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र अयोध्या पहुंच चुके हैं, जहां उन्होंने आगामी रामनवमी के अवसर पर होने वाले विशेष आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की। इस वर्ष भी रामनवमी के दिन, ठीक 12:00 बजे, सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक पर पड़ेगी, जिसे सूर्य तिलक या सूर्य अभिषेक कहा जाता है। यह आयोजन पिछले वर्ष भी सफलतापूर्वक संपन्न हुआ था, और इस वर्ष भी इसकी तैयारी जोरों पर है।
सूर्य तिलक की यह परंपरा राम मंदिर की वास्तुकला और वैज्ञानिक तकनीकों का अनूठा संगम है। पिछले वर्ष, आईआईटी रुड़की की टीम ने विशेष ऑप्टो मैकेनिकल सिस्टम का उपयोग करके सूर्य की किरणों को रामलला के मस्तक पर केंद्रित किया था। इस प्रणाली में दर्पण और लेंस का उपयोग किया गया था, जिससे सूर्य की किरणें मंदिर के गर्भगृह में स्थित रामलला की मूर्ति के मस्तक पर ठीक 12:00 बजे परावर्तित होती हैं, जिससे एक दिव्य तिलक बनता है।
इस वर्ष भी इसी तकनीक का उपयोग करके सूर्य तिलक की योजना बनाई गई है। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं, ताकि रामनवमी के दिन यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि राम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है, और शिखर का निर्माण भी तेजी से चल रहा है, जिसमें 18 कड़ियों में से 11 कड़ियां बनकर तैयार हो चुकी हैं। मंदिर में कुल 4,50,000 क्यूबिक फीट पत्थर लगने हैं, जिसमें से अब केवल 20,000 क्यूबिक फीट पत्थर ही लगने बाकी हैं। उम्मीद की जा रही है कि 15 अप्रैल तक राम मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा।
इसके अलावा राम मंदिर परिसर में लगने वाली सभी मूर्तियां, चाहे वे सप्त मंदिर की हों या परकोटे की, या फिर राम दरबार की, सभी मूर्तियां 30 अप्रैल तक राम मंदिर परिसर में पहुंच जाएंगी। 25 मार्च से 15 अप्रैल के बीच सभी मूर्तियों की स्थापना कर दी जाएगी। सप्त मंदिर के बीच बनने वाला जलाशय भी अगले तीन महीनों में पूरा हो जाएगा।
रामनवमी के इस विशेष अवसर पर, अयोध्या में रामलला का सूर्य तिलक एक बार फिर भक्तों के लिए आस्था और उत्साह का केंद्र बनेगा, जो भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं की समृद्धि को प्रदर्शित करता है।
Hindi News / UP News / Ramlala Surya Tilak: रामनवमी 2025: अयोध्या में रामलला के दिव्य सूर्य तिलक की भव्य तैयारी