घर के इस कोने को बंद करने से फेफड़े पर हो सकता है बुरा असर
वास्तु विशेषज्ञ नीतिका शर्मा ने बताया कि घर की उत्तर पूर्व दिशा को कभी भी पूरी तरह से बंद नहीं करना चाहिए। इसका फेफड़े पर बुरा असर पड़ सकता है। इसके कारण सीने के किसी भी हिस्से में कैंसर होने की आशंका होती है।वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की उत्तर-पूर्वी दिशा की ऊंचाई कम करने से नसों और गर्दन में कैंसर की आशंका रहती है। इसके अलावा घर की पश्चिमी दिशा दबी हुई नहीं होनी चाहिए।
घर के दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम दिशा के नीची होने पर ब्रेन कैंसर होने का खतरा रहता हैं। अगर घर की उत्तर दिशा सही और साफ नहीं होगी तो सीने में कैंसर होने की आशंका है। यूट्स का कैंसर उत्तर-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण दिशा दोषपूर्ण होने पर होता हैं।
कैंसर रोग और घर के वास्तु का संबंध
वास्तु विशेषज्ञ नीतिका शर्मा के अनुसार आजकल के घरों की डिजाइन पहले के आयताकार की जगह बेढंगी होती है। इसमें घरों का कोई कोना दबा होता है या फिर बाहर निकला होता है, घर का कोई भाग ऊंचा तो कोई भाग नीचा रह जाता है।घर के वास्तु का कैंसर रोग से संबंध
वास्तु विशेषज्ञ नीतिका शर्मा ने बताया कि जिन लोगों को कैंसर होते हैं उनके घर में कम से कम दो वास्तु दोष जरूर होते हैं। इनमें एक वास्तुदोष ईशान कोण वाले भाग में जरूर होता है, जैसे- घर का ईशान कोण गोल होना, कटा हुआ होना, दबा हुआ होना या जरुरत से ज्यादा ईशान कोण का बढ़ा हुआ होना या घर की अन्य दिशाओं की तुलना में ईशान कोण का ऊंचा होना।ब्रेस्ट और गर्भाशय कैंसर
वास्तु विशेषज्ञ नीतिका शर्मा ने बताया कि पूर्व आग्नेय भाग में भूमिगत पानी का स्रोत जैसे टंकी, बोर, कुंआ इत्यादि का होना या नीचा होना वास्तु दोष का कारण बन सकता है। महिलाओं को गर्भाशय का कैंसर तब होता है जबकि घर के दक्षिण या दक्षिण नैऋत्य में भूमिगत पानी का स्रोत हो। इसके अलावा दक्षिण या दक्षिण नैऋत्य का भाग किसी भी प्रकार से नीचा या बढ़ा हुआ होता है।सिर, गले व मुंह का कैंसर
वास्तु विशेषज्ञ नीतिका शर्मा ने बताया कि आवश्यकता से अधिक ऊंचा और बढ़ा हुआ ईशान कोण होना एवं पश्चिम दिशा का किसी भी प्रकार से अधिक नीचा होना।आंत का कैंसर
वास्तु विशेषज्ञ नीतिका शर्मा ने बताया कि पश्चिम नैऋत्य में भूमिगत पानी का स्रोत होना या किसी भी प्रकार से नीचा या बढ़ा हुआ होना आंत में कैंसर का कारण माना जाता है।ब्लड कैंसर
वास्तु विशेषज्ञ नीतिका शर्मा ने बताया कि नैऋत्य में भूमिगत पानी का स्रोत होना, नैऋत्य बहुत नीचा होना या बढ़ा हुआ होना, साथ ही अन्य दिशाएं ईशान कोण की तुलना में नीचा होना और अन्य दिशाओं की तुलना में ईशान कोण ऊंचा होने वास्तु शास्त्र के अनुसार ब्लड कैंसर का कारण माना जाता है।
ब्रेन कैंसर
वास्तु विशेषज्ञ नीतिका शर्मा ने बताया कि वायव्य, उत्तर, ईशान व पूर्व दिशा का ऊंचा होना और आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्चिम में भूमिगत पानी का स्रोत होना या नीचा होना या फिर बढ़ा हुआ होना ब्रेन कैंसर की आशंका को बढ़ाता है।कैंसर रोग में ग्रहों की होती है भूमिका
वास्तु विशेषज्ञ नीतिका शर्मा ने बताया कि कैंसर रोग को कुंडली से समझने में कर्क राशि, चंद्र और मंगल इन सभी की भूमिका अहम होती हैं। हमारे शरीर में कैंसर के सभी प्रकार के होने की आशंका रहती है जैसे कैंसर, महिलाओं में स्तन कैंसर, ल्यूकेमिया, फेफड़े का कैंसर और महिलाओं में गर्भाशय का कैंसर, पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर।कैंसर का खतरा बढ़ाने वाले वस्तु दोष से बचने के उपाय (Measures to avoid Vastu defects)
वास्तु विशेषज्ञ नीतिका शर्मा के अनुसार कुछ आसान उपाय कैंसर से बचने में मददगार बन सकते हैं आइये जानते हैं कैंसर के खतरे के उपाय ..वास्तुदोष दूर होने से मरीज पर दवाइयां अपना अच्छा प्रभाव देने लगती हैं। अतः जिन घरों में कैंसर के मरीज हैं उन्हें अपने घर के वास्तुदोषों को अवश्य दूर कराना चाहिए ताकि मरीज अपना शेष जीवन आराम से व्यतीत कर सकें और कहीं इन्हीं वास्तुदोषों के कारण भविष्य में घर का कोई अन्य सदस्य कैंसर का शिकार न बने।