BRICS की कोई खबर नहीं सुनी- ट्रंप
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ब्रिक्स देश अमेरिकी मुद्रा डॉलर को कमजोर करने की कोशिश कर रहे थे, वो अपनी नई मुद्रा लाने की और उसी में व्यापार करने की बात कर रहे थे। जब वे राष्ट्रपति चुनकर आए और ये सुनिश्चित किया कि जो भी BRICS देश डॉलर को कमजोर करने का जिक्र करेगा उस पर 150 प्रतिशत का टैरिफ लगाया जाएगा, और आपका सामान भी नहीं चाहिए। इसके बाद से BRICS देश टूट गए हैं। मुझे नहीं पता उनके साथ क्या हुआ लेकिन उसके बाद मैंने उनकी कोई खबर नहीं सुनी।
100 प्रतिशत टैरिफ की दी थी धमकी
इससे पहले कई बार डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी है। ट्रंप का कहना है कि ब्रिक्स अमेरिकी मुद्रा डॉलर को कमजोर करने के लिए अपनी नई मुद्रा लाने की तैयारी कर रहे हैं जो जरा भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसलिए अगर ब्रिक्स देश ऐसा कुछ करने जा रहे हैं तो वे 100 प्रतिशत टैरिफ के लिए तैयार रहें। ये टैक्स सभी ब्रिक्स देशों पर लगाया जाएगा।
क्यों लाई जा रही है नई मुद्रा?
वहीं ब्रिक्स में शामिल भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर कई बार ये बात को साफ कर चुके हैं कि ब्रिक्स देश अपनी मुद्रा इसलिए नहीं ला रहे हैं कि उन्हें डॉलर को कमजोर करना है बल्कि इसलिए ला रहे हैं क्योंकि अमेरिकी मुद्रा में व्यापार करने में कई तरह की परेशानियां आती हैं। कई देशों के पास डॉलर उपलब्ध भी नहीं होते। इसलिए व्यापार में सहूलियत लाने के लिए नई मुद्रा लाने पर विचार किया गया है। ब्रिक्स में शामिल हैं ये देश
बता दें कि ब्रिक्स यानी BRICS में ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ़्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात और अब इंडोनेशिया समेत 11 देश हैं। ये भी पढ़ें-
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