सीधी उड़ान कनेक्टिविटी की बहाली और यात्रा सुविधा पर विचार-विमर्श
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दिल्ली में आयोजित साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान बताया कि दोनों विदेश मंत्रियों ने अपनी पिछली बैठक (नवंबर में) के बाद से द्विपक्षीय संबंधों के विकास की समीक्षा की, खासकर सीमा क्षेत्रों में शांति और सौहार्द के प्रबंधन पर। उन्होंने कहा कि इस बैठक के दौरान, कैलाश मानसरोवर यात्रा, सीधी उड़ान कनेक्टिविटी की बहाली और यात्रा सुविधा पर भी विचार-विमर्श हुआ।
शंघाई सहयोग संगठन पर भी विचारों का आदान-प्रदान
इसके अलावा, जी-20 और शंघाई सहयोग संगठन पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया गया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जनवरी में भारत और चीन के बीच विदेश सचिव-उप विदेश मंत्री तंत्र की बैठक के लिए बीजिंग का दौरा किया था। विदेश मंत्रालय ने इस बारे में एक बयान जारी करते हुए कहा कि “जैसा कि अक्टूबर में कज़ान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक में सहमति बनी थी, दोनों पक्षों ने भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति की व्यापक समीक्षा की और इन संबंधों को स्थिर और पुनर्निर्माण के लिए कुछ केंद्रित कदम उठाने पर सहमति जताई।”
दोनों देशों के बीच सीधी हवाई सेवाएं फिर से शुरू की जाएंगी
दोनों पक्षों ने 2025 की गर्मियों में कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है, और इसके लिए संबंधित तंत्र मौजूदा समझौतों के अनुसार तरीकों पर चर्चा करेगा। उल्लेखनीय है कि भारत हर साल जून और सितंबर के बीच उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे (1981 से) और सिक्किम में नाथू ला दर्रे (2015 से) के माध्यम से कैलाश मानसरोवर यात्रा आयोजित करता है। हालांकि, महामारी और 2020 में गलवान संघर्ष के कारण उड़ानें निलंबित हो गईं थीं। विदेश मंत्रालय ने बताया कि बीजिंग में जनवरी में विदेश सचिव विक्रम मिस्री की बैठक के बाद एक महत्वपूर्ण घोषणा यह की गई है कि दोनों देशों के बीच सीधी हवाई सेवाएं फिर से शुरू की जाएंगी। इस उद्देश्य के लिए संबंधित तकनीकी अधिकारी जल्द ही एक अद्यतन रूपरेखा पर बैठक करेंगे।
दोनों नेताओं की रियो डी जेनेरियो के बाद हुई यह मुलाकात
भारत और चीन के बीच 2025 में राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर दोनों पक्षों ने इस अवसर का उपयोग एक-दूसरे के बारे में बेहतर जागरूकता पैदा करने और जनता के बीच आपसी विश्वास और भरोसा बहाल करने के लिए सार्वजनिक कूटनीति प्रयासों को बढ़ाने का संकल्प लिया है। यह बैठक जी-20 शिखर सम्मेलन के मौके पर आयोजित की गई थी, और यह दोनों नेताओं की रियो डी जेनेरियो में 18 नवंबर 2024 को हुई पिछली मुलाकात के बाद हुई है।