“भारत के संदेश को दुनिया तक ले जाना-सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल स्लोवेनिया पहुंचा।”
कूटनीतिक मिशन पर जुटा प्रतिनिधिमंडल, सभी दलों की एकजुटता
इस उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल में भारत के विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े प्रभावशाली चेहरे शामिल हैं। इनमें राजीव राय (समाजवादी पार्टी),ब्रिजेश चौटा (भारतीय जनता पार्टी), प्रेम चंद गुप्ता (राष्ट्रीय जनता दल),अशोक कुमार मित्तल (आम आदमी पार्टी),पूर्व राजनयिक मंजीव एस पुरी और विदेश नीति व सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ जावेद अशरफ शामिल हैं।
प्रतिनिधिमंडल यूरोप के देशों के साथ भारत की चिंता साझा कर रहा
यह प्रतिनिधिमंडल यूरोप के विभिन्न देशों के साथ भारत की चिंताओं को साझा कर रहा है, विशेष रूप से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और भारत के आत्मरक्षा में उठाए गए निर्णायक कदमों के बारे में बता रहा है।
रूस से स्लोवेनिया तक, भारत की कूटनीति का दो टूक संदेश
यह प्रतिनिधिमंडल इससे पहले रूस की सफल यात्रा पूरी कर चुका है, जहाँ भारत के राजदूत विनय कुमार ने इस मिशन को आतंकवाद के विरुद्ध भारत के “शून्य सहनशीलता” नीति का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा: “भारत अब पहले जैसा नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर एक संदेश है कि भारत अब आतंकी हमलों के जवाब में निर्णायक और सटीक कार्रवाई करेगा।” “रूस में सभी को यह बात स्पष्ट है कि आतंकवाद का मुख्य स्रोत पाकिस्तान है, और इससे न केवल भारत बल्कि वैश्विक शांति को भी खतरा है।”
ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor briefing): जवाबी कार्रवाई
भारत सरकार ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जिसमें पाकिस्तान और POK (पाक अधिकृत कश्मीर) में स्थित आतंकी लॉन्चपैड्स और बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया। हमले के बाद भारत ने न सिर्फ हवाई जवाबी कार्रवाई की, बल्कि पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाते हुए यह संदेश दिया कि “अब कोई भी आतंकी हमला अनुत्तरित नहीं रहेगा।” ध्यान रहे कि दोनों देशों के बीच 10 मई को एक अस्थायी संघर्षविराम पर सहमति बनी, लेकिन भारत ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में किसी भी आक्रामक गतिविधि के खिलाफ वह और भी तेज़ी से प्रतिक्रिया देगा।
अगले चरण में ग्रीस, लातविया और स्पेन
इस बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल की आगामी यात्राओं में शामिल हैं: ग्रीस,लातविया और स्पेन। इन देशों में भी प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद पर भारत के रुख और ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी साझा करेगा, ताकि वैश्विक सहमति बनाई जा सके और पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाया जा सके।
यह यात्रा भारत की नीतियों की साफगोई और मजबूती की प्रतीक
बहरहाल यह मिशन भारत के लिए केवल एक राजनयिक प्रयास नहीं, बल्कि सार्वभौमिक सुरक्षा और वैश्विक सहयोग की दिशा में एक बड़ी पहल है। कनिमोझी और उनके सहयोगियों की यह यात्रा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की नीतियों की साफगोई और मजबूती की प्रतीक बन रही है। इनपुट क्रेडिट:भारत के स्लोवेनिया और रूस में दूतावास स्रोत,राजदूत विनय कुमार व राजनयिक विशेषज्ञों की निजी ब्रीफिंग्स, एएनआई, प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो और इंडियन एक्सप्रेस।
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