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भारत ने अमेरिका के सामने पश्चिमी देशों को सुना दी दो टूक! मुंह देखती रह गई दुनिया, आखिर ऐसा क्या कहा?

Munich Security Conference: सुरक्षा सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने एक पैनल चर्चा में वैश्विक लोकतंत्र के ‘दोहरे मानकों’ को लेकर पश्चिम पर निशाना साधा है।

भारतFeb 16, 2025 / 09:43 am

Jyoti Sharma

S jaishankar on Double Standard of Western Countries in Munich Germany

S Jaishankar And US President Donald Trump

India on Western Countries: जर्मनी के म्यूनिख में इन दिनों 61वां सुरक्षा सम्मलेन चल रहा है। जिसमें दुनिया के बड़े-बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्ष और प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने भी इस सम्मेलन में भाग लिया। लेकिन विदेश मंत्री ने म्यूनिख (Munich Security Conference) में कुछ ऐसा कह दिया जिसकी अब पूरी दुनिया में चर्चा तो हो ही रही है साथ ही विश्व अब भारत के सख्त रुख से भी परिचित हो रहा है। दरअसल एस जयशंकर ने अमेरिका के सामने ही पश्चिमी देशाओं पर डबल स्टैंडर्ड अपनाने का आरोप लगाकर दो टूक सुना दी है। 

क्या कहा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने?   

म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (Munich Security Conference) में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक पैनल चर्चा में वैश्विक लोकतंत्र के ‘दोहरे मानकों’ को लेकर पश्चिम पर निशाना साध दिया। एस जयशंकर (S. Jaishankar in Munich Security Conference) ने अमेरिकी सीनेटर समेत पश्चिमी नेताओं के सामने कह दिया कि ‘पश्चिम लोकतंत्र को ‘पश्चिमी विशेषता’ मानता है और वैश्विक दक्षिण में ‘गैर-लोकतांत्रिक ताकतों’ को प्रोत्साहित करता है। कथनी और करनी एक रखें!’

पश्चिमी देशों को भारत का सुझाव

सबसे दिलचस्प बात ये थी कि जयशंकर ने ये बयान लगभग सभी बड़े पश्चिमी देशों के प्रतिनिधियों के सामने दिया है। जिसमें नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर, अमेरिकी सीनेटर एलिसा स्लोटकिन, वारसॉ के मेयर रफाल ट्रजास्कोवस्क शामिल थे। विदेश मंत्री ने पश्चिम देशों को सुझाव दिया कि अगर वे लोकतंत्र को मजबूत देखना चाहते हैं, तो उन्हें गैर-पश्चिमी सफल लोकतांत्रिक मॉडलों को अपनाना होगा। 

बहुत मजबूत है भारतीय लोकतंत्र

जयशंकर (S Jaishankar) ने उन दावों को भी खारिज कर दिया कि लोकतंत्र वैश्विक स्तर पर कमजोर हुआ है। भारतीय लोकतंत्र की सफलता पर जोर देते हुए अपनी स्याही लगी उंगली दिखाते हुए कहा, ‘यह जो निशान आप मेरे नाखून पर देख रहे हैं, यह सबूत है कि हमारे राज्य (दिल्ली) में अभी-अभी चुनाव हुए हैं। पिछले साल, राष्ट्रीय चुनाव हुए थे। राष्ट्रीय चुनावों में, लगभग 90 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 70 करोड़ ने मतदान किया। हम एक ही दिन में मतों की गिनती करते हैं।’

हमारे यहां ‘खाने को देता है लोकतंत्र’

एस जयशंकर ने अमेरिकी सीनेटर स्लोटकिन की टिप्पणी पर भी करारा जवाब दिया। दरअसल अमेरिकी सीनेटर ने पैनल में कहा था कि लोकतंत्र ‘खाने की इंतजाम नहीं करता’। इसी बात का एस जयशंकर ने करारा जवाब देते हुए कहा कि भारत 80 करोड़ लोगों को पोषण सहायता देता है। आपने कहा कि लोकतंत्र आपके खाने की मेज पर खाना नहीं रखता। वास्तव में, दुनिया के मेरे हिस्से (भारत) में ऐसा होता है। इसलिए, ये अपने विचार को सच्चाई ना समझें। 

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