नोएम ने कहा कि हार्वर्ड का कैंपस हिंसा, यहूदी-विरोध और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ सहयोग करने का अड्डा बन गया है। नोएम ने अप्रेल में हार्वर्ड को चेतावनी देते हुए कहा कि हार्वर्ड का प्रमाणपत्र केवल तभी बना रह सकता है जब वह अमेरिकी इमिग्रेशन कानूनों का पालन करे। ट्रंप प्रशासन ने गाजा युद्ध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों के खिलाफ भी कई कदम उठाए हैं। ऐसे छात्रों का वीजा रद्द कर देश से निकाल दिया गया। आरोप है कि ये छात्र आतंकी संगठन हमास का समर्थन कर रहे हैं।
बदले की और गैरकानूनी कार्रवाई -हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
ट्रंप प्रशासन के आदेश को हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने गैरकानूनी और बदले की कार्रवाई बताया है। विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा कि इससे संस्था को गंभीर नुकसान पहुंचने का खतरा है। हम 140 से अधिक देशों के अंतर्राष्ट्रीय छात्रों और विद्वानों की मेजबानी करने और विश्वविद्यालय को समृद्ध बनाने की अपनी क्षमता को बनाए रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। सरकार की कार्रवाई हार्वर्ड के शैक्षणिक और शोध मिशन को कमजोर करती है।
अप्रेल-मई में रोका था संघीय अनुदान
ट्रंप प्रशासन ने गत मार्च अप्रेल में हार्वर्ड को 2.2 बिलियन डॉलर (18,729 करोड़ रुपये) और मई के मध्य में 450 मिलियन डॉलर (3,831 करोड़ रुपये) की अतिरिक्त अनुदान राशि की कटौती कर दी थी। मई में की गई कटौती के समय संघीय सरकार ने हार्वर्ड को भेजे पत्र में कहा था कि हार्वर्ड भेदभाव और प्रदर्शन का अड्डा बन गया है। इसे अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता की विरासत को पुनः प्राप्त करने के लिए कठिन संघर्ष करना होगा।
यहूदियों के विरुद्ध भड़काना
विश्वविद्यालय पर यहूदियों के विरुद्ध भावनाओं को भड़काने और फिलिस्तीनियों के समर्थन में प्रदर्शन करने के आरोप लगाते हुए ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड से अपने प्रशासन में व्यापक बदलाव करने, प्रवेश नीतियों में संशोधन, और संकाय व छात्रों का ऑडिट करने को कहा था। उसी समय राष्ट्रपति ट्रंप ने हार्वर्ड को टैक्स से छूट समाप्त करने और विदेशी छात्रों को प्रवेश देने की मान्यता समाप्त करने की धमकी दी थी।
भारत के 788 छात्र
वर्ष 1636 में स्थापित हार्वर्ड विश्वविद्यालय अमेरिका का सबसे पुराना उच्च शिक्षा संस्थान है। पिछले शैक्षणिक सत्र में हार्वर्ड के करीब 22000 पूर्णकालिक नामांकन में 30 फीसदी विदेशी छात्र थे। इनमें चीन व कनाडा के बाद भारत के सबसे ज्यादा विद्यार्थी हैं। शैक्षणिक वर्ष 2024–25 में करीब 788 भारतीय छात्र और शोधार्थी हार्वर्ड में अध्ययन कर रहे हैं, जिनमें से 321 छात्र उसी साल नामांकित हुए थे। हार्वर्ड में दुनिया के 125 से ज्यादा देशों के विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं। यह भी पढ़ें – Explainer: क्या है सीपेक? अफगानिस्तान की एंट्री से भारत के सामने है ये तीन चुनौतियां