शिव पूजा के दौरान की गई कुछ गलतियों को जान लें
शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते न चढ़ाएं
शिवलिंग पर तुलसी पत्र चढ़ाना वर्जित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार तुलसी माता भगवान विष्णु को समर्पित हैं, जबकि शिवलिंग पर केवल बेलपत्र, धतूरा, आक के फूल आदि ही चढ़ाने चाहिए।
टूटे-फूटे या कटे हुए बेलपत्र का प्रयोग न करें
शिव पूजा में बेलपत्र का विशेष महत्व है, लेकिन ध्यान दें कि जो बेलपत्र फटा हो, उस पर कीड़े लगे हों या उसमें तीन पत्तियां पूरी न हों, उसे चढ़ाना वर्जित माना जाता है। इससे पूजन निष्फल हो सकता है।
शिवलिंग पर कभी भी नारियल पानी न चढ़ाएं

नारियल पानी शिव को नहीं चढ़ाया जाता क्योंकि यह उन्हें अर्पित करने योग्य नहीं माना गया है। शास्त्रों में इसका कोई विशेष उल्लेख नहीं है, और यह पूजा विधि के विरुद्ध माना गया है।
शिवलिंग पर सिंदूर या हल्दी का प्रयोग न करें
भगवान शिव वैरागी हैं और उन पर सिंदूर या हल्दी जैसे शुभता दर्शाने वाले पदार्थों का प्रयोग नहीं होता। ये विशेष रूप से देवी पूजन में उपयोगी होते हैं, शिवलिंग पर नहीं।
शिव पूजन करते समय चमड़े की वस्तुएं न पहनें
पूजन करते समय पवित्रता का ध्यान रखना जरूरी है। बेल्ट, चमड़े की चप्पल-जूते या अन्य ऐसी वस्तुएं पहनकर शिव मंदिर में प्रवेश करना धार्मिक दृष्टि से अनुचित है।
पूजन के बाद शिवलिंग को सुखाएं नहीं
कुछ लोग शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद उसे पोंछते हैं या कपड़े से सुखाते हैं, यह पूरी तरह से निषेध है। शिवलिंग को जल अर्पण के बाद स्वतः सूखने दें, यही धार्मिक विधि के अनुसार उचित है।