महेश शर्मा पेंट का ठेका लेते हैं। इससे पहले किराए पर ऑटो चलवाते थे। पूर्व में बहादुरपुर निवासी पंछी का महेश के घर आना-जाना था। वह उनसे किराए पर ऑटो लेकर चलाया करता था। पिछले दो साल से उनके घर नहीं आया था। रविवार को पंछी अचानक महेश के घर पहुंचा। उनसे कहा कि भूख लगी है। महेश की पत्नी ममता शर्मा ने उसे खाना दिया। महेश को बाजार में काम था, वह चले गए।
पीछे से पंछी उनके बेटे हर्षित को उठाकर ले गया। हर्षित जब घर पर नहीं दिखा तो परिजनों को चिंता हुई। उसकी तलाश शुरू की। जब कोई सुराग नहीं मिला तो अमर विहार पुलिस चौकी पर गए। पुलिस ने मौके पर आकर सीसीटीवी कैमरे खंगाले।
एक फुटेज में पंछी ऑटो से जाता दिख गया। उसके ऑटो का नंबर मिल गया था। पुलिस ने अन्य थानों की पुलिस को आरोपित के ऑटो और बालक का फोटो भेजा। पुलिस उसकी तलाश में जुट गई। कंट्रोल रूम की मदद से शहर की सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरे देखे गए। आरोपित का ऑटो कहीं नजर नहीं आया। पुलिस की तीन टीमें बनाई गईं। चार घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने आरोपित को पकड़ लिया। बालक उसके ऑटो में ही मिला। वह सहमा हुआ था। मां को देखते ही उनसे लिपट गया। रोने लगा। पुलिस ने सोमवार को आरोपित को जेल भेज दिया।