उत्तरायण पर्व के दौरान पतंग की डोर से घायल होने वाले पशु-पक्षियों को तत्काल उपचार मिलने के उद्देश्य से राज्य सरकार एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से प्रतिवर्ष करुणा अभियान चलाया जाता है।यह अभियान वर्ष 2017 से हर वर्ष 10 जनवरी से लेकर 20 जनवरी तक चलता है। इस समय अवधि में 1.12 लाख से अधिक घायल पक्षियों का उपचार किया जा चुका है। इनमें से 92 प्रतिशत यानी लगभग 1.3 लाख पक्षियों को बचा लिया गया।बनाए गए 1000 से अधिक उपचार केंद्र
करुणा अभियान में इस वर्ष 600 से अधिक पशु चिकित्सकों और 8,000 से अधिक स्वयंसेवकों ने भाग लिया। इसके साथ ही पशुपालन विभाग, वन विभाग और विभिन्न संगठनों की ओर से राज्य भर में कुल 1,000 से अधिक उपचार केंद्र भी स्थापित किए गए। इस अभियान के दौरान राज्य भर में 865 पशु चिकित्सालय, 34 पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक, 27 शाखा पशु चिकित्सालय, 587 मोबाइल पशु चिकित्सालय और 37 करुणा पशु एम्बुलेंस को अवकाश के दिन भी चालू रखा गया।