एशिया के सबसे बड़े अहमदाबाद सिविल अस्पताल(Ahmedabad Civil hospital) के त्वचा विभाग की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रीमा जोशी ( Dr. Reema Joshi ) ने विशेष बातचीत में बताया कि कुष्ठ रोग के उपचार के लिए गुजरात की तुलना में ज्यादा मरीज अन्य राज्य मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र या राजस्थान से आते हैं। सिविल अस्पताल की ओपीडी में प्रति दिन ऐसा एक नया मरीज आता है।माइक्रो बैक्टीरिया लेप्री (Mycobacteria leprae) से फैलने वाले कुष्ठ रोग का संक्रमण एक रोगी के खांसने और छींकने से भी फैल सकता है। हालांकि इसका संक्रमण लगने का पता लंबे समय के बाद पता चलता है। वयस्कों की तुलना में बच्चों में इसका संक्रमण जल्दी लगता है।
गुजरात में कुष्ठ रोग के मरीज ज्यादा नहीं
चिकित्सक डॉ. रीमा के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की गाइडलाइन में कहा गया है कि 10 हजार की आबादी में एक से कम मरीज होना चाहिए। गुजरात, राजस्थान समेत कई राज्य हैं जहां पर गाइडलाइन से भी कम मरीज हैं।
वैक्सीन भी उपलब्ध
डॉ. रीमा जोशी के अनुसार कुष्ठ रोग से गंभीर रूप से पीडि़त मरीजों के लिए बाजार में वैक्सीन है। हालांकि बाजार में इस वैक्सीन की कीमत गरीब वर्ग के लोगों के बजट के बाहर है। फिर भी वे प्रयास कर रहीं है कि यह वैक्सीन गरीबों को निशुल्क या कम दामों पर मिल सके। इस वैक्सीन के लगने और अन्य दवाइयों के प्रभाव से मरीज जल्दी से ठीक होने लगता है। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग का उपचार संभव है। एंटीबायोटिक्स का उपयोग कर इस रोग से मुक्ति दिलाई जा सकती है। हालांकि कुछ मामलों में इस पद्धति से उपचार करने में दिक्कत भी आती हैं।
जागरूकता जरूरी
इस रोग को लोग श्राप मानते हैं, जिससे उनमें इस रोग के प्रति जागरूकता जरूरी है। आज अनेक मरीज हैं जो उपचार से ठीक होकर अच्छा जीवन जी रहे हैं। सबसे ज्यादा 17 हजार मरीज महाराष्ट्र में
वर्ष 2023 में लोकसभा में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि देश में सबसे अधिक 17 हजार से कुछ ज्यादा मरीज महाराष्ट्र में दर्ज हुए थे। बिहार में 11318, उत्तर प्रदेश में 10312, मध्य प्रदेश में 7313, झारखंड़ में 6184, ओडिशा में 6088, गुजरात में 2662 तथा राजस्थान में 969 मरीज सामने आए थे।