इस अवसर पर महापौर जैन ने कहा कि कूलिंग बस स्टैंड का ऐसी जगह पर चयन किया गया है जहां प्रतिदिन 3000 से अधिक यात्रीगण पहुंचते हैं। इनमें खासकर विद्यार्थी, मजदूर व अन्य लोग होते हैं। प्लेटफार्म सं. 7 और 8 पूर्व की दिशा में होने के कारण यहां दिन में अधिकांश समय में कड़ी धूप का सामना करना होता है। इस समस्या के हल के रूप में यह तकनीक अपनाई गई। किसी बस स्टैंड पर यह तकनीक भारत में पहली बार अपनाने का भी दावा किया गया है।
कूल बस स्टैंड की मुख्य विशेषताएं
महिला हाउसिंग ट्रस्ट की प्रोग्राम मैनेजर दीपिका वडगामा ने बताया कि बिजली की दो मोटर से हाई प्रेशर मिस्ट सिस्टम कार्य करता है। पानी की सूक्ष्म बूंदों के उपयोग से यहां ठंडक बनी रहेगी। इसके लिए दोनों प्लेटफार्म पर चार पाइप लाइन का जाल बनाया गया है जिसमें 44 मीटर लंबी पाइप लाइन का उपयोग किया गया है। जगह-जगह पानी की छोटी-छोटी बूंदों के फव्वारे होने से बस स्टैंड व आसपास तापमान कम रहेगा। यह एयरकंडीशन की तरह होगा, हालांकि बिजली का उपयोग कम होगा। कार्बन उत्सर्जन को भी कम किया जा सकेगा। पूरे सिस्टम को स्वचालित और स्मार्ट सुविधाओं के साथ जोड़ा गया है। इसमें टाइमर पेनल लगाया गया है जिससे पानी और बिजली की बचत भी होगी। इससे धूल और प्रदूषण में भी कमी आएगी। इन दोनों प्लेटफार्म के ऊपरी भाग में घास के बने पर्दे लगाए गए हैं। यह पूरी प्रक्रिया जमीन को गीली किए बिना हो सकेगी।