scriptGujarat: ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी 2025-30 घोषित, जानिए क्या हैं विशेषताएं | Gujarat: Chief Minister announced Global Capability Center Policy 2025-30, 250 Global Capability Centers to be built in 5 years, 50 thousand jobs to be created | Patrika News
अहमदाबाद

Gujarat: ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी 2025-30 घोषित, जानिए क्या हैं विशेषताएं

5 साल में बनेंगे 250 ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, 50 हजार को नौकरी, 10 हजार करोड़ के निवेश की उम्मीद, -कैपेक्स व ऑपेक्स सहायता, कौशल निर्माण को महत्व

अहमदाबादFeb 11, 2025 / 10:44 pm

nagendra singh rathore

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गुजरात में आगामी पांच साल में 250 ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर शुरू किए जाएंगे। इसके जरिए 50 हजार नई नौकरी सृजित होंगी। इन पांच सालों में 10 हजार करोड़ रुपए का निवेश गुजरात में होगा।

इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मंगलवार को गांधीनगर स्थित गिफ्ट सिटी में गुजरात ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) पॉलिसी 2025-30 घोषित की। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा यह पॉलिसी राज्य में हाई वैल्यू जॉब, स्किल डेवलपमेंट तथा इनोवेशन व डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को प्रोत्साहन देने के लिए तैयार की गई है। इसका उद्देश्य इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधा, कनेक्टिविटी में वृद्धि करते हुए आर्थिक वृद्धि और वैश्विक स्पर्धा बनाए रखते हुए गुजरात को पसंदीदा जीसीसी हब बनाना है।
मुख्यमंत्री पटेल ने गिफ्ट सिटी के प्रबंध निदेशक तपन रे, नीति आयोग के निदेशक देबजानी घोष, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की प्रधान सचिव मोना खंधार, उद्यमियों की उपस्थिति में पॉलिसी जारी की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने के पदचिह्नों पर चलते हुए मौजूदा सरकार ने बीते 3 वर्षों में सेमीकंडक्टर पॉलिसी, ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी, आईटी व आईटीईएस पॉलिसी, टेक्सटाइल पॉलिसी, रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी तथा बायोटेक्नोलॉजी पॉलिसी घोषित की हैं। इसी कड़ी में अब वर्ष 2025 से 30 यानि पांच वर्ष के लिए नई गुजरात ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी घोषित की गई है। इसमें नए कैपेबिलिटी सेंटर्स के लिए रोजगार सहायता, ब्याजसहायता, इलेक्ट्रिसिटी रिएम्बर्समेंट सहित कई प्रोत्साहन दिए हैं।

ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर में अग्रणी बनेगा गुजरात

उन्होंने कहा कि इस पॉलिसी के परिणामस्वरूप राज्य में अब ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स शुरू करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इस पॉलिसी का विजन इनोवेशन को प्रोत्साहन देने के साथ विश्वस्तरीय परिस्थिति का निर्माण कर गुजरात को जीसीसी के लिए अग्रणी स्थान बनाना है। शुरुआत में कोस्ट सेविंग यूनिट के रूप में बनाए गए ग्लोबल कैपिबिलिटी सेंटर्स अब स्ट्रैटेजिक इनोवेशन हब बन गए हैं। अहमदाबाद, गांधीनगर, वडोदरा एवं सूरत जैसे शहरों में गिफ्ट सिटी तथा इनोवेशन क्लस्टर जैसे मुख्य इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स गुजरात को इम्पोर्टेंट प्लेयर के रूप में स्थापित करने में सहायता कर रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि गुजरात की यह जीसीसी पॉलिसी भी प्रधानमंत्री के विजन एवं युवाओं के लिए मिशन, दोनों को परिपूर्ण करेगी। विकसित गुजरात से विकसित भारत 2047 के निर्माण की दिशा में प्रोत्साहक बनेगी।

पॉलिसी की मुख्य विशेषताएं:-

जीसीसी पॉलिसी के तहत गुजरात में 250 नए जीसीसी यूनिट

स्थापित होंगे। जिससे राज्य में 50,000 से अधिक नई नौकरियां पैदा होंगी।-पॉलिसी कारण राज्य में 10,000 करोड़ से अधिक का निवेश भी होगा।-पॉलिसी 250 करोड़ रुपए से कम जीएफसीआई वाली इकाइयों के लिए 50 करोड़ रुपए तक की तथा 250 करोड़ रुपए से अधिक जीएफसीआई वाली इकाइयों के लिए 200 करोड़ रुपए तक की कैपेक्स सहायता प्रदान करेगी।
-पॉलिसी 250 करोड़ रुपए से कम जीएफसीआई वाली इकाइयों के लिए 20 करोड़ रुपए तक की तथा 250 करोड़ रुपए से अधिक जीएफसीआई वाली इकाइयों के लिए 40 करोड़ रुपए तक की ऑपेक्स सहायता प्रदान करेगी।
– नए स्थानीय कर्मचारियों की भर्ती कर उन्हें कम से कम एक वर्ष तक सेवा में रखने के लिए वन टाइम सहायता दी जाएगी, जो एक माह के सीटीसी का लगभग 50 प्रतिशत होगी। पुरुषकर्मियों के लिए 50 हजार, महिला कर्मचारियों के लिए 60 हजार तक होगी।
-स्पेशल इंसेंटिव पॉलिसी अंतर्गत टर्म लोन पर 7 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी के रूप में सहायता दी जाएगी, जो अधिकतम 1 करोड़ होगी।

-आत्मनिर्भर गुजरात रोजगार सहायता योजना, कर्मचारी के प्रोविडेंट फंड अंतर्गत एम्प्लॉयर के वैधानिक योगदान से सम्बद्ध मुआवजा दिया जाएगा, जिसमें महिला कर्मचारियों के लिए 100 प्रतिशत तथा पुरुष कर्मचारियों के लिए 75 प्रतिशत तक की सहायता का समावेश किया गया है।
-गुजरात सरकार को चुकाई गई इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी की संपूर्ण राशि लौटाई जाएगी।

-वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए पाठ्यक्रम फीस के 50 प्रतिशत तक और स्नातक विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रम फीस के 75 प्रतिशत तक इंसेटिव दिया जाएगा
-एलिजिबल यूनिट्स को क्वॉलिटी सर्टिफिकेशन के लिए सहायता मिलेगी, जिसमें 10 लाख रुपए तक की सीमा में क्वॉलिटी सर्टिफिकेशन फीस के 80 प्रतिशत खर्च का समावेश किया गया है।

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