मधुबनी पेंटिंग से बताया सीता का स्वयंवर
उन्होंने इस महाकाव्य की प्रमुख घटनाओं को दर्शाने के लिए अलग-अलग राज्यों की महत्वपूर्ण पेंटिंग्स का सहारा लिया है। मध्य प्रदेश की गोंड पेंटिंग के माध्यम से कस्तूरी मृग दिखने की घटना को दर्शाया है। बिहार की मधुबनी पेंटिंग से सीता के स्वयंवर को दिखाया है। तमिलनाडु की तंजौर पेंटिंग से राम दरबार को दिखाया है। आंध्र प्रदेश की कलमकारी पेंटिंग से सीता हरण, ओडिशा की पट्टचित्र पेंटिंग से लक्ष्मण की ओर से सूर्पणखा की नाक काटने की घटना का वर्णन किया है। मध्य प्रदेश की ही भील पेंटिंग से राम और शबरी के मिलन की भावविभोर झांकी पेश की है। फड़ पेंटिंग के माध्यम से राम और केवट मिलन जैसी राजस्थान की कैनवास पेंटिंग भी हैं।कालीघाट पेंटिंग से रावण वध का वर्णन
छात्र ने पश्चिम बंगाल की कालीघाट पेंटिंग से रावणवध का वर्णन किया है। तेलंगाना की चेरियाल स्क्रॉल पेंटिंग से लक्ष्मण की जान बचाने के लिए हनुमान की ओर से संजीवनी बूटी लाने के घटनाक्रम को दर्शाया है। महाराष्ट्र की चित्रकाठी पेंटिंग के माध्यम से राम और विभीषण मिलन का चित्रण किया है।राजस्थान की लघु चित्रकला से राम जन्म का वर्णन
गुजरात की माता नी पछेड़ी पेंटिंग से राम की ओर से माता की पूजा करते, तेलंगाना की निर्मल पेंटिंग से राम की ओर धनुष भंग, राजस्थान की लघु चित्रकला के माध्यम से राम जन्म, पश्चिम बंगाल की नक्शी पेंटिंग में केकई और मंथरा संवाद दर्शाया है। पिछवाई पेंटिंग में राम की वापसी, ओडिशा की सौरा पेंटिंग में राम और रावण युद्ध, मध्य प्रदेश की चित्रवन पेंटिंग में राम और हनुमान, मिलन, महाराष्ट्र की वरली पेंटिंग में सेतु निर्माण, हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा पेंटिंग में गुरुकुल में राम और भाइयों का चित्रण किया है।झारखंड की सोहारी पेंटिंग में लक्ष्मण पर मेघनाथ प्रहार, बिहार की चित्रा पेंटिंग में लंका दहन, सिक्किम की तांगका पेंटिंग से अशोक वाटिका, गुजरात की पिथौरा पेंटिंग से राम बारात और झारखंड की संथाल पेंटिंग से सीता, हनुमान मिलन को दर्शाया है। उसने एक डॉक्यूमेंट्री भी बनाई है।