गिरोह की आंखों में खटक रही थी छात्राएं
यह समुदाय विशेष के क्षेत्र में रहने से कथित ‘गिरोह’ की आंखों में खटक रहा था। छात्राओं की संगठन में सक्रियता का प्रभाव ना बढ़े इसलिए टारगेट का बेस ही इन छात्राओं को रखा, ताकि अन्य समुदाय की धार्मिक गतिविधियां शुरू करवाकर छात्राओं के मन में पल रहे मंसूबों को रोका जा सके। मामले के विरोध में खुलकर सामने आए
एक पीड़ित छात्रा के परिजन के मुताबिक समुदाय विशेष की धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने के दबाव से ही कहीं ना कहीं पीड़िताओं की विचारधारा पुन: जागृत हुई और परिजन के समक्ष उनके साथ हुई घटना को बयां कर दिया। हिन्दूवादी संगठन की महिला पदाधिकारी व अन्य भी मामले के विरोध में खुलकर सामने आ गए हैं।
सॉफ्ट व्यवहार से टारगेट
कथित सरपरस्त अन्य समुदाय का होने के बावजूद हिन्दुओं के धार्मिक कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका निभाता है। यहां तक कि केसरिया रंग से भी कभी परहेज नहीं किया, हालांकि यह सब पुलिस जांच एवं साक्ष्य का विषय है। घटना के बाद से ही परिजन में भय, आक्रोश है। एक परिजन की तो घटना बताते हुए आंखें भर आईं। वे सिर्फ समाज की अन्य बेटियों को इस तरह के कृत्य एवं घटनाओं से बचाने के लिए खुलकर सामने भी आए हैं।