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अजमेर डिस्कॉम से बड़ी खबर, 10 साल के लिए निजी हाथों में जाएंगे 694 सब स्टेशन, 1946 लाइनें

Ajmer Discom : अजमेर डिस्कॉम से बड़ी खबर। अजमेर डिस्कॉम के कुल 694 सब स्टेशन और 1946 फीडर, 10 साल के लिए निजी सेक्टर को सौंपा जाएगा। 20 टेंडर जारी किए गए हैं।

अजमेरFeb 22, 2025 / 12:24 pm

Sanjay Kumar Srivastava

Ajmer Discom Big News 10 Years 694 Sub Stations and 1946 Lines will go into Private Sector
Ajmer Discom : विद्युत निगमों की ओर से हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल लाया गया है, जिससे पूरा बिजली सिस्टम बड़ी कम्पनियों के हाथों में होगा। अजमेर डिस्कॉम के अधीन 17 जिलों के लिए 20 टेंडर जारी किए गए हैं। इनमें कुल 694 सब स्टेशन और उनसे निकल रहे 1946 फीडर 10 साल के लिए निजी एजेन्सियों को सौंपा जाएगा। सब स्टेशनों पर सोलर प्लांट भी लगाए जाएंगे। डिस्कॉम ने इसके लिए 13037.73 करोड़ के टेंडर जारी किए हैं। नया सिस्टम लागू हुआ तो आने वाले 10 साल के लिए बिजली संबंधी सारी व्यवस्थाएं निजी कम्पनी के हाथ में रहेगी। बिजली निगम सिर्फ GSS तक बिजली पहुंचाने का काम करेंगे, जबकि जीएसएस से उपभोक्ताओं तक बिजली देने का काम निजी कम्पनी के हाथों में होगा। ऐसे में संभव है कि आमजन की समस्याओं, शिकायतों को उतनी गंभीरता से नहीं लिया जाएगा, जितना सरकारी सिस्टम में लिया जाता है। नए सिस्टम में कर्मचारी निजी कम्पनी के होंगे, ऐसे में निगम के सरकारी कर्मचारी कहां जाएंगे, इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।

ताज्जुब की बात, कर्मचारियों की चुप्पी क्यों?

बिजली निगम में कई काम निजी हाथों में जा चुके हैं। जो कुछ बचे हैं, वे अब नए मॉडल के तहत चले जाएंगे। ताज्जुब की बात है कि अपने वेतन-भत्तों के लिए प्रदर्शन करने वाले कर्मचारी संगठन सबसे बड़े निजीकरण पर चुप हैं। एक कर्मचारी नेता से पूछा तो उन्होंने नए मॉडल के बारे में अनभिज्ञता जताई।

नए सिस्टम में ये काम कराएंगे

1- बिजली सिस्टम और उपभोक्ताओं का सर्वे कराया जाएगा।
2- नए फीडर बनाएंगे और पुराने फीडर को अलग करेंगे।
3- बिजली सिस्टम का मेंटिनेंस और संचालन किया जाएगा।
4- मीटर लगाने के साथ ही बिजली आपूर्ति भी की जाएगी।
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यह रहेगी भुगतान की व्यवस्था

डिस्कॉम की ओर से पहली बार में कम्पनी को 50 फीसदी राशि दी जाएगी, वहीं बाकी राशि किस्तों में दी जाएगी। कम्पनी को काम सौंपने से पहले निगम की ओर से विद्युत तंत्र की सारी सामग्री हस्तांतरित की जाएगी। इसके बाद हर तरह की सामग्री निजी कम्पनी के कब्जे में होगी। कर्मचारी भी निजी कम्पनी के होंगे।
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विद्युत निगम के कर्मचारी भी होंगे प्रभावित

डिस्कॉम एरिया में 13000 करोड़ से अधिक की राशि खर्च करने से पहले निगम प्रबंधन को पूर्ण विवरण देना चाहिए था। राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग में याचिका पेश कर हितधारकों को समझकर टिप्पणी-सुझाव मांगने थे। विचार-विमर्श का मौका दिया जाना चाहिए। सिस्टम निजी कम्पनियों को दिए जाने पर विद्युत निगम के कर्मचारी भी प्रभावित होंगे। ऐसे में कर्मचारियों से भी विचार विमर्श करने के बाद ही इस पर कार्रवाई होना उचित होगा।
इंजि. वाई.के. बोलिया, रिटायर्ड एसइ व ऊर्जा सलाहकार

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