जनसहभागिता जरूरी रैंकिंग सुधारने के लिए जनसहभागिता व एनजीओ के स्वच्छता अभियानों के साथ कचरे का सेग्रीगेशन करने जैसे प्रमुख कार्य हैं। आमजन को घरों से ही गीले व सूखे कचरे को अलग कर रखना होगा। इससे रैंकिंग सुधार में सहयोग मिलेगा।
सर्विस लेवल प्रोग्रेस- डोर-टू-डोर, सड़क सफाई, गीला-सूखा कचरा – 60 प्रतिशत सर्टिफिकेशन ओडीएफ- खुले में शौचमुक्त, सार्वजनिक टॉयलेट – 26 प्रतिशत जनसहभागिता- प्लास्टिक मुक्त अभियान – 14 प्रतिशत ———————————————- गीला कचरा- सीवरेज प्लांट, रसोई बाथरूम व वर्षा जल निस्तारण
——————————————— ठोस कचरा कंपोस्टेबल – सब्जी छिलके आदि से खाद के उपयोगनॉन कंपोस्टेबल – नारियल छिलका, अंडा, प्याज छिलका ———————— अभी तक की रैंकिंग… वर्ष 2022 –
राज्य स्तर – 3 राष्ट्रीय स्तर पर – 138 वर्ष 2023 राज्य स्तर – 3 राष्ट्रीय स्तर पर – 216 ———————————————– लोगों को घरों से ही कचरे का विभक्तिकरण करना होगा जिससे ट्रेंचिंग प्लांट पर इसके सग्रीगेशन में मदद मिले। इससे हमारी रैंकिंग सुधरने की उम्मीद है। घर व दुकानों के बाहर कचरा नहीं छोड़ा जाए।
बबीता सिंह, एईएन-पर्यावरण व स्वच्छता प्रभारी नगर निगम, अजमेर