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अलवर

कावड यात्रा में दिख रहा भक्ति और शक्ति का संगम

अलवर. सावन मास की शिवरात्रि 23 जुलाई को शिवालयों में कावड़ चढ़ाई जाएगी। हरिद्वार से कावड़ लेकर कावडिएं वापस लौटने लगे हैं। बोले रे बोले बम, बम के जयकारे सड़कों पर गूंज रहे हैं।

अलवरJul 22, 2025 / 12:54 pm

Jyoti Sharma

कावड़ शिविरों में सेवा में जुटे श्रद्धालु, प्रशासन के इंतजाम अधूरे

अलवर. सावन मास की शिवरात्रि 23 जुलाई को शिवालयों में कावड़ चढ़ाई जाएगी। हरिद्वार से कावड़ लेकर कावडिएं वापस लौटने लगे हैं। बोले रे बोले बम, बम के जयकारे सड़कों पर गूंज रहे हैं।
शहर के प्रमुख मार्ग से आते जाते कावडिए नजर आ रहे हैं , किसी ने कंधे पर कावड के साथ भगवान शिव को उठाया हुआ तो कोई 51 किलो की कावड़ कंधे पर उठाकर के लिए लेकर आ रहा है। इतना ही नहीं कावडियों में देश भक्ति का नजारा भी दिखाई दिया। बहुत से कावडिए कावड़ पर भारत माता की तस्वीर व तिरंगा झंडा लगाकर चल रहे हैं।
अलवर शहर में कावडियों की सकुशल यात्रा के लिए कोई विशेष इंतजाम नहीं किए गए हैं। सड़कों पर भीड़ व ट्रेफिक जाम के चलते कावड़ खंडित होने का खतरा हर समय बना रहता है। भीड से निकलने के लिए ना पुलिस है ना ही होमगार्ड, जबकि यूपी में बेहतर इंतजाम है। ऐसे में सड़क से गुजरते कावडियों को कावड़ शिविर तक लाने के लिए शिविर संचालक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
21 साल के सौरभ सैनी लाए हैं 55 लीटर की कावड

जिले के बुर्जा निवासी 21 साल के सौरभ सैनी, इस बार हरिद्वार से 55 लीटर की कावड़ उठाकर लाए हैं। इससे पहले वह आठ बार डाक कावड़ लेकर आए हैं। इनके साथ भाई कार्तिक सैनी इनकी सहायता के लिए साथ चल रहे हैं। सैनी ने बताया कि 23 जून को 55 किलो की कावड़ उठाई थी, अब 23 जुलाई को बुर्जा के शिव मंदिर में चढ़ाई जाएगी। जब 9 साल के थे तब से वह कावड ला रहे हैं। इनका कहना है कि सोशल मीडिया के इनके बहुत से फॉलोवर है, कावड़ यात्रा के बाद इनकी संख्या कई गुना बढ़ गई है। इससे चलने की ओर हिम्मत मिली है। अधिक वजन उठाने से पैरों में खून की गांठे पड़ गई ,कमर में दर्द होने लगा लेकिन फिर भी चलते रहे। प्रतिदिन आठ किलोमीटर चल रहे हैं।
राजा कावड़ के साथ ले आए भोलेनाथ की प्रतिमा

सिलीसेढ़ के पैतपुर के ग्रामीण प्रतिवर्ष कावड लेने के लिए जाते हैं। सोमवार को हरिद्वार से लौटते समय कंपनी बाग शिव मंदिर में विश्राम किया। इन्हीं में शामिल था युवक राजा जो कि 500 किलोमीटर का सफर नंगे पैर तय करके कावड लेकर आए हैं। साथ में भगवान शिव की प्रतिमा को भी कंधे पर बैठाकर लाए हैं। जो कि लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई थी।उन्होंने बताया कि इस प्रतिमा को गांव में विराजमान किया जाएगा। प्रतिमा को कंधे पर बिठाकर 10 जून से चल रहे हैं। 23 जुलाई को गांव पहुंचेंगे।
दुर्घटना से पैर में आई चोट, लेकिन चलते रहे

पैतपुर निवासी सहोद ने बताया कि कावड यात्रा के दौरान यूपी में एक मोटर साइकिल चालक ने टक्कर मार दी,इससे वो घायल हो गए और पैर में चोट आई। इसके बाद वह बिना किसी सहारे के चल नहीं पा रहे हैं। इसलिए साला संतोष कावड ले जाने में सहयोग कर रहा है।

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