ये हैं रैंकिंग के मानक
स्कूली शिक्षा की रैंकिंग के लिए चार श्रेणियां तय की गई हैं। हर श्रेणी के अपने-अपने अंक निर्धारित है। शैक्षणिक श्रेणी के 100 अंक, नामांकन के 20 अंक, सामुदायिक सहभागिता के 20 अंक और आधारभूत सुविधाओं के 10 अंक तय हैं। शैक्षणिक श्रेणी के अंकों को 7 बिंदुओं में, नामांकन व सामुदायिक सहभागिता के अंकों को 3-3 बिंदु और आधारभूत सुविधाओं के अंकों को 2 बिंदुओं में बांटा गया है।अलवर जिलेे में स्कूली रैंकिंग के बिंदुओं पर काम करवाया जा रहा है। रैंकिंग में सुधार के लिए सभी सीबीईओ को निर्देशित किया गया है, ताकि स्कूली रैंकिंग में सुधार किया जा सके। – महेश चंद गुप्ता, मुय जिला शिक्षा अधिकारी, अलवर
जिले में संचालित कक्षा एक से 12वीं तक की स्कूलों में शैक्षणिक और अशैक्षणिक पद रिक्त हैं, जिसकी वजह से शैक्षणिक स्तर में सुधार नहीं हो पाया है। अशैक्षणिक पद भी खाली होने की वजह से रिपोर्ट पूरी नहीं भरी जा रही है, इस वजह से अलवर पिछड़ा है। दो साल से जिला शिक्षा अधिकारी का पद खाली चल रहा है। इस पद को केवल अतिरिक्त चार्ज देकर भरा जा रहा है, जिसके कारण स्कूलों की मॉनिटरिंग समय पर नहीं हो पाती है। साथ ही सरकारी योजनाओं का लाभ भी विद्यार्थियों को नहीं मिलने की वजह से अलवर की रैकिंग पिछड़ रहा है। – भूपसिंह नरुका, पूर्व अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी , अलवर