प्रदर्शन कर रहे युवा नेता राकेश दायमा ने आरोप लगाया कि सोमवार को किसान ट्रांसफाॅर्मर लगाने की मांग को लेकर जब विद्युत निगम कार्यालय पहुंचे तो एईएन नितिन गुप्ता ने न केवल किसानों की बात अनसुनी की बल्कि उन्हें धमकाते हुए कहा “अब कांग्रेस की सरकार नहीं, अब भाजपा की सरकार है।” दायमा ने कहा कि ऐसे अधिकारियों को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए। किसानों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि भाजपा की सरकार आ गई है तो इसका मतलब यह नहीं कि अब किसानों और पिछड़ा वर्ग की आवाज दबाई जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी नितिन गुप्ता का व्यवहार एक राजनीतिक कार्यकर्ता की तरह है और जो व्यक्ति किसी पार्टी का कार्यकर्ता हो, वह सरकारी सेवा में नहीं रह सकता। प्रदर्शनकारियों ने एईएन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन जल्द ही एक बड़े आंदोलन में तब्दील हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अन्नदाता का अपमान किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं किया जाएगा। ज्ञापन देने के दौरान रवि मीणा, ओमप्रकाश, संजय पायला, दिनेश शेखावत, मामराज सिंह, पूरण सरदाना, राजेंद्र कुमावत, जसंवत मीणा, देशराज गिराठी, हंसराज आदि मौजूद रहे।
विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करते हुए कहा कि क्या बीजेपी की सरकार में किसानों को ट्रांसफॉर्मर भी उनकी पार्टी पहचान कर दिए जाएंगे ? गहलोत ने पोस्ट में यह भी लिखा कि नारायणपुर (कोटपूतली-बहरोड़) में ट्रांसफॉर्मर की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसानों से एईएन का कहना था “अब कांग्रेस का नहीं, भाजपा का राज है।” क्या यही है आपकी सुशासन की परिभाषा ? या सरकारी कर्मचारी एवं अधिकारी भी जान चुके हैं कि किसानों का हित कांग्रेस सरकार में ही हो सकता है। वहीं कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा व नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इस तानाशाही और अफसरशाही पर लगाम लगाने, किसान कौम के धैर्य की परीक्षा न लें जैसी पोस्ट की है।
विवाद के बाद लगाया ट्रांसफॉर्मर
गांव गढ़ी के किसानों ने सोमवार शाम को 25 कनेक्शनों वाले ट्रांसफॉर्मर के दस माह से नहीं बदलने पर धरना-प्रदर्शन किया था। इसके बाद निगम अधिकारियों की ओर से मंगलवार को ट्रांसफॉर्मर बदलने का आश्वासन देकर मामला शांत कराया था। मंगलवार रात को निगम की ओर से ट्रांसफॉर्मर लगा दिया गया।