गौरतलब है कि नगर पालिका क्षेत्र में कई लोगों ने वर्षों पहले घर तो बना लिए और भूमि का कन्वर्जन भी करवा लिया, लेकिन पट्टा जारी न होने के कारण वे न तो अपनी संपत्ति का वैध स्वामित्व सिद्ध कर पा रहे और न ही किसी भी तरह की कानूनी और सरकारी सुविधा प्राप्त कर पा रहे। आमजन मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। कार्य ठप पड़े है। साथ ही संपत्ति का हस्तांतरण और वारिसों के नाम नामांतरण जैसी प्रक्रिया भी पट्टे के अभाव में संभव नहीं हो पा रही है।पट्टे नहीं बनने से यह हो रही परेशानी
आमजन को सरकारी बैंक ऋण नहीं मिल पा रहा। अवैध कब्जे और विवादों की संभावना में वृद्धि हो रही है। सरकारी योजनाओं जैसे पीएम आवास, उज्ज्वला, जल जीवन मिशन आदि के लाभ में दिक्कत आ रही है। बिजली और पानी के कनेक्शन के लिए लगातार परेशानी हो रही है तथा कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे है।बदल चुके बीस ईओ
नगर पालिका गठन के बाद से अब तक लगभग 20 अधिशासी अधिकारियों का तबादला हो चुका है। कोई भी अधिकारी पर्याप्त समय तक अपने पद पर नहीं रहा, जिससे फाइलें एक टेबल से दूसरी टेबल पर घूमती रहीं, लेकिन नतीजा शून्य रहा। यह स्थिति न केवल प्रशासन की नाकामी को उजागर करती है, बल्कि आमजन के अधिकारों के साथ अन्याय भी है। हाल ही में पालिका में जगदीश खींचर को अधिशासी अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। इन्होंने खासतौर पर पट्टों की लंबित फाइलों को प्राथमिकता पर निपटाने की दिशा में कदम उठाए हैं। इधर रामगढ़ की जनता चाहती है कि आश्वासन नहीं, व्यवस्था में ठोस बदलाव चाहिए।पालिका में लंबित पट्टे
पालिका क्षेत्र रामगढ़ में 505, सोनगढ़ में 70, निवाली के 65, पिपरौली के 160, सरहेटा के 90, चौकी के 98, गोहा के 50, नंगला बलिया के 32, बड़ौद के 24, यादव नगर एक, डोली के 75, पूठी 45, डोली के 75, खेड़ी के 20 और बाघोड़ी के 25 पट्टे कुल 1298 लोगों के पट्टे लंबित है।
जल्द ही समस्या का समाधान करेंगेमैंने हाल ही में नगर पालिका रामगढ़ के अधिशासी अभियंता के रूप में पदभार संभाला है। काफी व्यवस्थाएं सुधरी भी है। प्रदेश सरकार के निर्देश अनुसार लंबित पत्रावलियों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। दस्तावेज पूर्ति होने के पश्चात जल्द ही समस्या का समाधान कर पत्रावली लाभार्थियों को दी जाएगी।
जगदीश खीचड़, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका, रामगढ़।