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अलवर

राजस्थान का अनोखा गांव: जहां किसी भी घर में चले जाइए, एक नेता और शिक्षक मिल जाएगा!

छोटा सा गांव-डवानी। गांव की पहचान-नेताओं और शिक्षकों वाला गांव है। यहां किसी भी घर में चले जाइए, एक नेता और शिक्षक जरूर मिल जाएगा।

अलवरApr 11, 2025 / 03:55 pm

Santosh Trivedi

village Dewani alwar

AI जनरेटेड प्रतीकात्मक तस्वीर

माजरीकलां। उपतहसील गंडाला का छोटा सा गांव-डवानी। गांव की पहचान-नेताओं और शिक्षकों वाला गांव है। यहां किसी भी घर में चले जाइए, एक नेता और शिक्षक जरूर मिल जाएगा! गांव में लगभग 200 परिवार और लगभग 1400 की आबादी है। शिक्षाविद् शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रणवीर अध्यापक और विक्रम डवानी ने बताया कि एक बार गांव उजड़ने के बाद लगभग 200 वर्ष पूर्व सीताराम के पूर्वज गांव में दुबारा आकर बसे। लेकिन गांव की पहचान की नींव स्वतंत्रता आंदोलन के बाद और देश के पहले चुनाव में पड़ी थी।
आजादी के बाद अलवर रियासत में प्रभुदयाल यादव के मंत्री रहने के बाद वर्ष 1952 में तिजारा विधानसभा से गांव के बाबू सपतराम विधायक का चुनाव जीते। इसके बाद राजस्थान सरकार में मंत्री, अलवर के जिला प्रमुख और आजादी के बाद तोताराम यादव और प्रभातीलाल यादव शिक्षक बने। तब से डवानी को नेताओं और शिक्षकों के गांव के रूप में पहचान मिली थी। इसके बाद लोग शिक्षा के महत्व को समझाने की मुहिम शुरू हुई। बस यहीं से सिलसिला चल निकला जो आज तक कायम है।
आज भी गांव के शिक्षा विभाग में सैकड़ों सेवानिवृत्त और पदस्थापित शिक्षकों सहित निजी विद्यालयों में शिक्षक शिक्षण का कार्य कर रहे है। वहीं अन्य सरकारी विभाग राज्य एवं केंद्र और निजी बडी कपनियों में भी सैकड़ों लोग अपनी सेवाएं दे रहे है। और देश की रक्षा करते हुए शहीद प्रेमचंद योगी और शहीद गुरुमुख यादव ने अपने प्राणों की आहुति देकर गांव का नाम गौरवान्वित किया है।

गांव की स्थिति

गंडाला, खोहर और बूढवाल के मध्य स्थित आजादी के बाद ग्राम पंचायत गंडाला फिर ग्राम पंचायत खोहर और वर्तमान में ग्राम पंचायत बूढवाल मे शामिल गांव डवानी आज सभी सुविधाओ से सपन्न है। आज गांव में सभी रास्ते पक्के है स्वच्छ एवं शुद्ध घर-घर नल सुविधा, एक राजकीय और एक निजी विद्यालय,उपस्वास्थ्य केंद्र,33 केवी जीएसएस सहित सहकारी समिति मुख्यालय स्थित है।

बाबा शीतलनाथ ने किया था तप

गांव मध्य जोहड़ पर बाबा शीतलनाथ महाराज का आश्रम स्थित है। बाबा शीतलनाथ ने यहां पर तप किया था ।जब से गांव के लोगो मे बाबा के प्रति आस्था है और प्रत्येक वर्ष बैसाख शुल्क पंचमी को बाबा मेला लगता है । बाबा शीतलनाथ शिक्षा समिति द्वारा नववर्ष पर प्रतिभा समान समारोह आयोजित किया जाता है। वहीं पर बाबा भैया, श्रीराम मंदिर, हनुमान हनुमान, शिव और राधाकृष्ण के मंदिर स्थित है।
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राजनीति के क्षेत्र में भी रहा दबदबा

प्रभुदयाल यादव अलवर रियासत में मंत्री रहने के बाद बाबू सपतराम ने तिजारा, कठूमर और खैरथल विधानसभा से चुनाव लडा और राजस्थान सरकार में मंत्री सहित अलवर के जिला प्रमुख रहे। वर्ष 1971 में बलबीर सिंह न्याय चेयरमैन फिर सरपंच बने। इसके बाद शिवनारायण सरपंच, गंगाराम नेता, नत्थूराम नबरदार,रघुनाथ बोहरा, मातादीन बोहरा, दुर्गा प्रसाद बोहरा, दौलतराम बोहरा रहे।
वर्तमान में जसविंदर यादव अजमेर विश्वविद्यालय के महासचिव बने और वर्तमान में युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव है। बाबू सपतराम के बडे़ पुत्र डॉ जगदीश प्रसाद अलवर ग्रामीण विधानसभा से विधानसभा प्रत्याशी रह चुके है। वर्तमान में युवा जीतू डवानी ने राठ में एक बडे उद्योगपति और भामाशाह के रूप में अलग ही पहचान बनाई है।

शिक्षा के क्षेत्र में भी बनाई पहचान

डवानी गांव में जन्मे पूर्व आईएएस अशोक सपतराम, वर्तमान में अजमेर सभागीय आयुक्त महेश चन्द शर्मा, सेवानिवृत्त आईपीएस जसवंत सपतराम, आरएएस रतनलाल योगी, डॉ जगदीश सपतराम, डॉ राकेश यादव, सेवानिवृत्त डॉ रमाकांत शर्मा, डॉ अशोक यादव, जलदाय विभाग में एईएन नीरज यादव,भारतीय थल सेना मे मेजर अतुल यादव सहित वर्तमान में छह बच्चे आईआईटियन, पांच बच्चे एमबीबीएस कर रहे है।
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शिक्षा की अलख जगाने में स्वर्गीय शिक्षक प्रभातीलाल, चन्द्रभान यादव, दौलतराम यादव, बनवारी लाल, मनोहर लाल,अनिल यादव, सेवानिवृत्त शिक्षक तोताराम, राम सिंह, शिवदानसिंह, रोहिताश्व यादव, दीपचंद यादव, सपतराम यादव, रोहिताश्व यादव,जितेन्द्र यादव, रामनिवास यादव, प्रधानाचार्य विरेन्द्र यादव, शेरसिंह ,व्यायाता सुनिल यादव, सतीश कुमार सहित वर्तमान मे पदस्थापित शिक्षक-शिक्षिकाओं का योगदान रहा।

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