इधर, अनिता मीणा महज सात दिन के लिए प्रधान रहीं। उनका नाम सबसे कम दिनों के लिए प्रधान पद पर रहने का रिकॉर्ड दर्ज हो गया। हालांकि हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दूसरे आदेश की स्वतंत्रता दी है और इस मामले में अगली सुनवाई 8 अप्रेल को होगी।
उल्लेखनीय है कि पंचायतीराज विभाग ने 27 फरवरी को एक आदेश जारी कर कठूमर प्रधान संगम चौधरी को अरूवा ग्राम पंचायत में सरपंच पद पर रहते हुए पट्टे में अनियमितता बरतने के आरोप में निलबित कर दिया था और पंचायत समिति की किसी भी कार्यवाही में भाग लेने पर रोक लगा दी थी। प्रधान संगम चौधरी ने सरकार के इस आदेश को हाईकोर्ट में 4 मार्च को चुनौती दी और 7 मार्च को याचिका को स्वीकार किया गया।
19 मार्च को दूसरे पक्ष की केविएट याचिका खारिज कर दी गई और 27 मार्च को इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की एकल खंडपीठ के न्यायाधीश महेंद्र कुमार गोयल ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का उदाहरण देते हुए कहा कि संगम चौधरी की ओर से वर्तमान पद पर कोई दोष नहीं है। ऐसे में इस पद से इनके निलंबित करने का कोई कारण नहीं है। इस पर पंचायतीराज विभाग ने इस आदेश को वापस ले लिया। हाइकोर्ट के इस निर्णय के बाद प्रधान संगम चौधरी के समर्थकों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई और पटाखे फोड़ व मिठाई बांटकर कर खुशी का इजहार किया। बार के वकीलों ने भी मिठाई बांटी।
राजनीतिक षड्यंत्र विफल हो गए
सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं, ये बात माननीय हाईकोर्ट के निर्णय ने साबित कर दी है। ये क्षेत्र की हजारों जनता की भावनाओं की जीत है। कुछ लोगों के राजनीतिक षड्यंत्र विफल हो गए हैं। अब रुके हुए कार्यों को शुरू कर पंचायत समिति का सर्वांगीण विकास किया जाएगा।- संगम चौधरी, प्रधान पंचायत समिति, कठूमर
अनिता सबसे कम दिन रहीं प्रधान
पंचायत समिति के प्रधान पद पर राज्य सरकार के आदेश के बाद वार्ड 10 से पंचायत समिति सदस्य अनिता मीणा ने 21 मार्च को प्रधान का पदभार संभाला था। यह महज सात दिन ही प्रधान पद पर रह सकी, जो अब तक के प्रधान पदों में सबसे कम दिनों का कार्यकाल रहा है।