जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है की गुप्त नवरात्रि में पूजा अर्चना गुप्त तरीके से की जाती है, कम से कम लोगों को आपकी साधना की जानकारी हो तो अच्छा माना जाता है। इसमें मुख्य रूप से मां जगदंबा की दस महाविद्या की पूजा की गुप्त तरीके से की जाती है। तंत्र साधक (आषाढ़ और माघ नवरात्रि) गुप्त नवरात्रि का विशेष रूप से इंतजार करते हैं, जबकि प्रत्यक्ष नवरात्रि में गृहस्थों समेत सभी लोग मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना करते हैं।
इस साल की पहली नवरात्रि और पहली गुप्त नवरात्रि इसी महीने माघ शुक्ल प्रतिपदा से शुरू हो रही है। आइये जानते हैं साल 2025 की पहली गुप्त नवरात्रि किस डेट से शुरू हो रही है।
कब से शुरू हो रही माघ नवरात्रि (Magh Navratri 2025)
पंचांग के अनुसार माघ नवरात्रि की शुरुआत माघ शुक्ल प्रतिपदा तिथि से होती है। इसकी कलश स्थापना या देवी मां का आवाहन द्विस्वभाव लग्न में किया जाता है। आइये जानते हैं कब शुरू हो रही है माघ नवरात्रि और कलश स्थापना का बेस्ट मुहूर्त ..
माघ शुक्ल प्रतिपदा तिथि प्रारंभः 29 जनवरी 2025 को शाम 06:05 बजे से
प्रतिपदा तिथि समापनः बृहस्पतिवार 30 जनवरी 2025 को शाम 04:10 बजे तक
माघ नवरात्रि का प्रारंभः बृहस्पतिवार 30 जनवरी 2025
द्विस्वभाव मीन लग्न प्रारंभः 30 जनवरी 2025 को सुबह 09:31 बजे
मीन लग्न समापनः 30 जनवरी 2025 को सुबह 10:58 बजे
कलश स्थापना बेस्ट मुहूर्तः माघ घटस्थापना बृहस्पतिवार 30 जनवरी 2025 को (Kalash Sthapana Best Muhurt)
सुबह 09:31 बजे से 10:51 बजे तक
इसके अलावा कलश स्थापना अभिजित मुहूर्त (Abhijit Muhurt)
पंचांग के अनुसार माघ नवरात्रि कलश स्थापना का मुहूर्त 1 घंटा 20 मिनट का है। इसके अलावा कलश स्थापना का अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:19 बजे से दोपहर 01:02 बजे तक है।क्या है मां की सवारी और फल (Navratri Vahan Aur Fal)
माघ नवरात्रि में मां की सवारी डोली है। क्योंकि माघ नवरात्रि की कलश स्थापना गुरुवार को होगी। इस संबंध में धार्मिक ग्रंथों में एक श्लोक हैशशिसूर्ये गजारूढ़ा, शनिभौमे तुरंग मे।
गुरौ शुक्रे दोलायां, बुधे नौका प्रकीर्तिता।।
इस श्लोक के अनुसार घटस्थापना के दिन से मां की सवारी और उसके फल का अनुमान लगाया जाता है। वहीं एक श्लोक में इससे संबंधित फल भी बताया गया है।
गजे च जलदा देवी, क्षत्रभंग स्तुरंगमे
नौकायां सर्वसिद्धि स्या ढालायां मरणंधुवम्
इसके अनुसार नवरात्रि में मां जगदंबा जिस सवारी से धरती पर आती हैं उसी के अनुसार आगे की घटनाएं होती हैं। इस तरह से डोली पर धरती पर आ रहीं मां अपने साथ मनुष्यों के लिए कुछ चुनौतियां ला सकती हैं।
ये हैं माघ नवरात्रि कैलेंडर (Magh Navratri 2025 Calendar)
क्रमांक | तारीख और दिन | तिथि | गतिविधि |
नवरात्रि पहला दिन | 30 जनवरी गुरुवार | प्रतिपदा | पहली महाविद्या काली की पूजा, घट स्थापना |
नवरात्रि दूसरा दिन | 31 जनवरी शुक्रवार | द्वितीया | दूसरी महाविद्या मां तारा की पूजा |
नवरात्रि तीसरा दिन | 1 फरवरी शनिवार | तृतीया | मां त्रिपुर सुंदरी की पूजा |
नवरात्रि चौथा दिन | 2 फरवरी रविवार | चतुर्थी | चौथी महाविद्या मां भुवनेश्वरी और पांचवीं माता छिन्नमस्ता की पूजा |
नवरात्रि पांचवां दिन | 3 फरवरी सोमवार | षष्ठी (इस पक्ष में पंचमी तिथि का लोप है) | मां त्रिपुर भैरवी की पूजा |
नवरात्रि छठां दिन | 4 फरवरी मंगलवार | सप्तमी | मां धूमावती की पूजा |
नवरात्रि सातवां दिन | 5 फरवरी बुधवार | अष्टमी तिथि | दुर्गा अष्टमी, आठवीं महाविद्या मां बगलामुखी की पूजा, संधि पूजा |
नवरात्रि आठवां दिन | 6 फरवरी गुरुवार | नवमी | मां मातंगी की पूजा |
नवरात्रि नवां दिन | 7 फरवरी शुक्रवार | दशमी तिथि | मां कमला की पूजा और पारण |