होंडा ने बनाए रखा नंबर वन का ताज
अप्रैल 2025 में सबसे ज्यादा टू-व्हीलर बेचने का खिताब होंडा के नाम रहा है। कंपनी ने कुल 4,22,931 यूनिट्स की बिक्री की और 30.32 फीसदी बाजार हिस्सेदारी अपने नाम की। हालांकि, यह आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले थोड़ा कमजोर रहा और कंपनी को 12.08 फीसदी सालाना गिरावट का सामना करना पड़ा। अच्छी बात यह रही कि मार्च की तुलना में होंडा की बिक्री में 5.36 फीसदी सुधार दर्ज किया गया।
टीवीएस की स्थिति मजबूत, दूसरे नंबर पर कायम
टीवीएस मोटर ने घरेलू बाजार में 3,23,647 यूनिट्स बेचकर दूसरा स्थान हासिल किया है। कंपनी की बिक्री में 7.36 फीसदी सालाना और 8.74 फीसदी मासिक बढ़त देखने को मिली है। यह ग्रोथ टीवीएस की स्थिर रणनीति और पोर्टफोलियो विस्तार की ओर इशारा करती है।
हीरो मोटोकॉर्प को झेलनी पड़ी भारी गिरावट
भारत की सबसे बड़ी दोपहिया निर्माता कंपनी हीरो मोटोकॉर्प के लिए अप्रैल का महीना चुनौतीपूर्ण रहा है। कंपनी ने 3,05,406 यूनिट्स की बिक्री की, लेकिन इसमें 2.76 फीसदी की सालाना और 44.43 फीसदी की मासिक गिरावट दर्ज की गई है। यह गिरावट कंपनी के लिए बड़ा अलार्म हो सकती है। ये भी पढ़ें- MG Windsor EV Pro इस दिन हो रही लॉन्च, अपडेटेड बैटरी के साथ होंगे ये अहम बदलाव बजाज की रफ्तार धीमी, मामूली बढ़त के साथ किया समझौता
बजाज ऑटो की बिक्री अप्रैल में 1,88,615 यूनिट्स रही है। पिछले साल की तुलना में यह आंकड़ा 13.06 फीसदी नीचे रहा है। हालांकि, कंपनी ने मार्च 2025 की तुलना में 2.7 फीसदी की मामूली मासिक बढ़त दर्ज की है।
सुजुकी के लिए सकारात्मक संकेत
सुजुकी टू-व्हीलर्स ने अप्रैल 2025 में कुल 95,214 यूनिट्स की बिक्री की है। कंपनी को 8.12 फीसदी की वार्षिक और 9.95 फीसदी की मासिक ग्रोथ मिली है। यह संकेत देता है कि कंपनी धीरे-धीरे भारतीय बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है।
रॉयल एनफील्ड की प्रदर्शन में उतार-चढ़ाव
रॉयल एनफील्ड की बिक्री अप्रैल में 76,002 यूनिट्स रही है। जहां कंपनी को 1.28 फीसदी की सालाना ग्रोथ मिली, वहीं मासिक आधार पर 12.68 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।
टू-व्हीलर इंडस्ट्री में बना हुआ है प्रतिस्पर्धा का माहौल
अप्रैल 2025 के आंकड़े यह दिखाते हैं कि भारतीय टू-व्हीलर बाजार में प्रतिस्पर्धा काफी तेज हो चुकी है। जहां एक ओर होंडा और टीवीएस जैसे ब्रांड स्थिर प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं हीरो और बजाज जैसी कंपनियों को नई रणनीतियों के साथ सामने आना होगा। दूसरी तरफ, सुजुकी और रॉयल एनफील्ड जैसे ब्रांडों की स्थिति भविष्य में और दिलचस्प हो सकती है।