डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार का दबदबा बरकरार
अयोध्या के राजर्षि दशरथ स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में तैनात रहे पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार के खिलाफ शासन ने सख्त कदम उठाए हैं। उन्हें डीजी मेडिकल एजुकेशन के कार्यालय में संबद्ध कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने अब तक वहां जॉइनिंग नहीं दी है। महाविद्यालय के वर्तमान प्रधानाचार्य ने जिलाधिकारी अयोध्या को पत्र लिखकर शिकायत की है कि पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार अभी भी अपने सरकारी आवास और कैंप कार्यालय पर अवैध रूप से कब्जा जमाए हुए हैं।
शासन के आदेश की अनदेखी
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा द्वारा जारी आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार अब भी महाविद्यालय के प्रधानाचार्य आवास और कैंप कार्यालय में जमे हुए हैं। उन्होंने अपने कब्जे वाले आवास में ताला डाल दिया है और महत्वपूर्ण दस्तावेजों एवं अलमारियों पर भी अवैध कब्जा कर रखा है। कर्मचारियों को प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप
डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार पर महाविद्यालय के कर्मचारियों को प्रताड़ित करने और आत्महत्या के लिए उकसाने जैसे गंभीर आरोप हैं। उनके खिलाफ अयोध्या कोतवाली में मुकदमा दर्ज है, लेकिन इसके बावजूद वे अभी भी सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग कर रहे हैं।
मौजूदा प्रधानाचार्य ने मांगी मदद
राजर्षि दशरथ स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के मौजूदा प्रधानाचार्य ने प्रमुख सचिव और एसएसपी अयोध्या को पत्र लिखकर सरकारी आवास खाली कराने की गुहार लगाई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार सरकारी आवास में रहकर कर्मचारियों को भड़का रहे हैं और चिकित्सकीय कार्य में बाधा डाल रहे हैं।
लखनऊ में निजी आवास होते हुए भी अयोध्या में सरकारी मकान पर कब्जा
डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार का लखनऊ के विकास नगर क्षेत्र में निजी आवास है, इसके बावजूद उन्होंने अयोध्या में सरकारी आवास और कैंप कार्यालय को छोड़ने से इनकार कर दिया है। इससे स्पष्ट होता है कि वे सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं और सरकारी संपत्तियों पर अवैध कब्जा जमाए बैठे हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई होगी तेज
मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार विजिलेंस विभाग इस मामले की गहराई से जांच कर रहा है। यदि डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार जल्द ही सरकारी आवास खाली नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ प्रशासन सख्त कार्रवाई कर सकता है।