रंगों के इस त्यौहार पर 20: तक की महंगाई का असर साफ देखा जा रहा है। होली में उपयोग आने वाली समस्त सामग्रियां पिछले वर्ष की तुलना में महंगी बेची जा रही है इसकी प्रमुख वजह उत्पादन में कमी, ट्रांसपोर्टिंग और कच्चे मटेरियल का महंगा होना बताया जा रहा है। शहर के विभिन्न स्थानों में लगी दुकानें लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। लेकिन बताशे और गांठिया माला को छोडकऱ रंग गुलाल पिचकारी सहित अन्य दुकानों में फिलहाल कारोबार में हल्का उछाल नजर आ रहा है। जिले के अलावा तहसील अंचलों में भी रंगो के इस पर्व की तैयारियां शुरू हो गई है।
मुखौटों को लेकर बढा क्रेज
शहर का पूरा बाजार होली की दुकानों से सजा हुआ है। जगह-जगह रंग बिरंग पिचकारियों से दुकानें सजी हैं। आकर्षक पिचकारी बच्चों को लुभा रही हैं। होली में रंग, पिचकारी के अलावा मुखौटों का क्रेज भी बहुत रहता है। होली के दिन ज्यादातर लोग अलग-अलग अंदाज में नजर आते हैं। बच्चों में मुखौटों को लेकर खासा क्रेज देखने को मिलता है। सुपरमैन, स्पाइडर मैन, छोटा भीम जैसे मुखौटों की मार्केट में खासा क्रेज है। बच्चे काफी पसंद कर रहे हैं।
कई रंग के गुलाल
लाल, हरा, नीला व पीला गुलाल हमेशा से बाजार में बिकते आए हैं। इस बार नए रंग के गुलाल बाजार में उपलब्ध हैं। बैगनी, नारंगी, धानी आदि रंग के भी गुलाल आए है। दुकानदारों का कहना है कि अब ग्राहक नए रंग के गुलाल की मांग कर रहे हैं।
चाइनीज पिचकारी गायब
चाइनीज सामान लेने से लोग परहेज कर रहे हैं। यही वजह है कि बाजार से यह पिचकारी गायब है। इन पिचकारियों की कमी खलने वाली नहीं है। क्योंकि विभिन्न प्रकार की देशी पिचकारियां उपलब्ध हैं। स्थानीय दुकानदारों के अनुसार पिछले कई वर्षों से चायनीज पिचकारी की बिक्री काफी कम हो गई है। दुकान में जो एक्का दुक्का चायनीज आयटम पड़ा है, वो पुराना है।
500 तक की पिचकारी
चर्चा के दौरान रंग, गुलाल, पिचकारी की दुकान लगाएं दुकानदार अमित ने बताया कि वर्तमान समय में मार्केट मंदा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पिचकारी, गुलाल, रंग, मुकुट उपयोग आदि के दाम बढ़ गए हैं। प्रत्येक वस्तुओं के दाम में 15 से 20 प्रतिशत तक का उछाल आया है। उन्होंने बताया कि इस बात 20 से लेकर 500 रुपए तक की पिचकारी मार्केट में आई हुई है। वही माक्र्स भी 10 रुपए से लेकर 250 रुपए तक के बिक रहे हैं।
बज रहे होली और फाग गीत
होली पर विशेष पर नगर में सजी दुकानों में अब होली और फाग के गीत बजने लगे हैं। दुकानदार होली के गाने बजा कर लोगों को इस पर्व विशेष पर बिकने वाली सामग्रियों के लिए आकर्षित कर रहे हैं, वही विभिन्न दुकानों में इस पर्व को लेकर विशेष आकर्षक छूट के पोस्टर भी चस्पा किए गए हैं।
होली दहन का शुभ मुहूर्त
नर्मदा नगर के ज्योतिषाचार्य प्रो. अरविंद चंद तिवारी के अनुसार 13 मार्च को सुबह 10.36 से पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होने के बाद रात्रि 11.27 तक भद्रा है। इस वर्ष भद्रा अद्र्धरात्रि समय 12 बजे से पूर्व ही समाप्त हो रही है। पंडित तिवारी के अनुसार 13 मार्च को भद्रा बाद रात्रि 11.27 के बाद से रात्रि 12 बजे के मध्य होलिका दहन करना शुभ और शास्त्र सम्मत होगा। होलिका दहन फाल्गुन शुक्ल की प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा को भद्रा रहित करना शास्त्रोक्त बताया गया है। इस वर्ष फाल्गुन चतुर्दशी 13 मार्च को सुबह 10.36 बजे से पूर्णिमा प्रारंभ होगी, जो कि अगले दिन 14 मार्च को दोपहर के 12.25 तक रहेगी। अत: प्रदोष काल में पूर्णिमा केवल 13 मार्च को ही रहने से होली पर्व इसी दिन मनाया जाएगा। शास्त्रानुसार होलिका दहन में भद्रा यदि निशीथ समय अर्थात् अद्र्धरात्रि के समय से पहले समाप्त हो जाती है, तो भद्रा समाप्ति पर ही होलिकादहन करना चाहिए।