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बांसवाड़ा का पत्थर उगलेगा ‘सोना’, 4000 से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार

सब कुछ सही रहा तो जिले में निवेश के साथ ही 4 हजार से अधिक लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा। उद्योग विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनसुार 17 कारोबारियों ने स्टोन से जुड़े उद्योग लगाने के लिए बीते दिनों एमओयू किया है।

बांसवाड़ाDec 13, 2024 / 05:19 pm

Kamlesh Sharma

Banswara stone
बांसवाड़ा। सब कुछ सही रहा तो जिले में निवेश के साथ ही 4 हजार से अधिक लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा। उद्योग विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनसुार 17 कारोबारियों ने स्टोन से जुड़े उद्योग लगाने के लिए बीते दिनों एमओयू किया है। इस कारण जिले में करीब 749 करोड़ रुपए का निवेश होगा। मार्बल ग्रेडिंग, ग्रेनाइट ग्रेडिंग, मिनिरल गाइंडिंग, मार्बल प्रोसेसिंग, मार्बल हैंडी क्राप्ट, एम सेंड, मार्बल पोलिसंग, सौप स्टोन, डालो माइट आदि ऐसे उद्योग हैं जो पहले से ही बांसवाड़ा में लगे हुए हैं। पर, उद्योग विभाग की पहल पर इनकी नई यूनिट लगने जा रही हैं। सब कुछ सही रहा तो आने वाले 2 साल में यह यूनिट लग जाएंगी। इसके लिए 14 उद्योगपतियों ने एमओयू किए हैं।

700 करोड़ के 3 प्रोजेक्ट लगाएगी रतलाम की फर्म

सबसे बड़ा निवेश रतलाम की एक फर्म की ओर से किया जाएगा। करीब 319 करोड़ रुपए की यूनिट से 1100 से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध होंगे। इस फर्म की ओर से कुल 3 एमओयू किए गए हैं। इनमें करीब 700 करोड़ रुपए का निवेश होगा। साथ ही 3300 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
बांससवाड़ा में ग्रेनाइट नहीं निकलता है। पर, एक युवा उद्योगपति ने मार्बल का खदान खरीद कर खुदाई शुरू कराई और मार्बल निकलना शुरू हो गया। यहां पत्थर की चमक देखते हुए उनकी कार्बन डेटिंग और केमिकल जांच कराई। खुदाई शुरू की तो उसमें ग्रेनाइट निकला।

सड़क की सबसे पहले आवश्यकता

नए उद्योग लगाने के इच्छुक कारोबारियों का कहना है कि बांसवाड़ा सब कुछ सही है पर गुजरात से जोड़ने वाला मुख्य हाईवे अभी भी सही नहीं है। इस कारण इस हाईवे को सही बनाने की जरूरत है, इससे वहां आने-जाने में कम से कम समय लगे। आदिवासी बहुल बांसवाड़ा जिले में मानव श्रम और पानी दोनों ही प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। यही कारण है कि उद्योग स्थापित होने पर आसानी से पनपने लगते हैं। अन्य जिलों में सबसे बड़ी दिक्कत जमीन की होती है और दूसरे नंबर पर पानी आता है। बांसवाड़ा संभाग दोनों की मामलों में धनी है।

खनन विभाग करा रहा जांच

इधर, खनिज अभियंता गौरव मीणा ने बताया कि जिले में कई स्थान के स्टोन की जांच कराई जा रही है। इससे पता लग सके कि यहां के पत्थरों में कौन कौन से केमिकल की मात्रा कितनी है ? इसी के बाद उद्योगों के लिए नीति बनाई जाती है। साथ ही सरकार को भी जानकारी भेजी जाती है। या फिर विभाग की ओर से इसी के आधार पर ब्लॉक वाइज नीलामी की जाती है। इसी सप्ताह भी करीब 50 नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं।

गुजरात में बड़ी मात्रा में आपूर्ति

निकटवर्ती राज्य गुजरात में साबुन, सर्फ व केमिकल बनाने के बड़ी संख्या में कारखाने हैं। इनमें बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ के साथ ही उदयपुर से पत्थर के पाउडर की आपूर्ति लंबे समय से की जा रही है। इसमें हो रहे मुनाफे को देखते हुए कई युवा उद्योगपति सामने आए हैं। युवाओं के इस क्षेत्र में उतरने से कुछ नए केमिकल की प्रोसेसिंग बांसवाड़ा में शुरू होने की उम्मीद है।
समय पर सभी एमओयू पूरे हो जाएं, इसके अभी से प्रयास कर रहे हैं। जो एमओयू हुए हैं अगर यह पूरे हुए तो स्टोन से जुड़े काम में ही निवेश ड़ेढ़ गुना हो जाएगा। कारण एक उद्योग के साथ छोटे-बड़े कई और काम निकलते हैं। इनमें रोजगार बहुत निकलता है। स्टोन से जुड़े 750 करोड़ रुपए के एमओयू किए हैं।
के आर मेघवाल, जीएम जिला उद्योग केंद्र, बांसवाड़ा

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