बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने विभिन्न न्यायालयों में चल रहे मुकदमों की प्रगति की समीक्षा की और शासकीय अधिवक्ताओं एवं संबंधित अधिकारियों से फीडबैक लिया। उन्होंने विभिन्न थाना क्षेत्रों में दर्ज गंभीर मुकदमों में पुलिस को प्रभावी पैरवी करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी गंभीर धाराओं के मुकदमों में पुलिस अपनी जांच रिपोर्ट साक्ष्यों के साथ प्रस्तुत करते हुए प्रभावी पैरवी करे, जिससे अपराधियों को कड़ी सजा मिल सके।
शासकीय अधिवक्ताओं को भी आवश्यक निर्देश देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि वे मुकदमों की सुनवाई के दौरान पूरी तैयारी के साथ उपस्थित हों और न्यायालय में सरकार का पक्ष मजबूती से रखें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे समय-समय पर अभियोजन कार्यों की समीक्षा करते रहें और किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें।
पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि पुलिस विभाग अभियोजन कार्यों में पूर्ण सहयोग करेगा और सुनिश्चित करेगा कि सभी आवश्यक साक्ष्य समय पर न्यायालय में प्रस्तुत किए जाएं। उन्होंने थाना प्रभारियों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में लंबित मामलों की सूची तैयार करें और उनकी नियमित समीक्षा करें।
बैठक में उपस्थित शासकीय अधिवक्ताओं ने अपने-अपने क्षेत्रों में चल रहे मुकदमों की स्थिति की जानकारी दी और अभियोजन कार्यों में आ रही चुनौतियों के बारे में बताया। जिलाधिकारी ने उनकी समस्याओं को ध्यान से सुना और उनके समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया।
जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने कहा कि अभियोजन कार्यों की सफलता के लिए पुलिस, प्रशासन और शासकीय अधिवक्ताओं के बीच समन्वय अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे नियमित रूप से बैठकें आयोजित करें और अभियोजन कार्यों की प्रगति की समीक्षा करें।
बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सतर्क रहें और किसी भी आपराधिक गतिविधि की सूचना तुरंत उच्च अधिकारियों को दें। उन्होंने कहा कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।