पार्वती नदी के पेटे में दिनदहाड़े हो रहे लगातार अवैध खनन को लेकर राजस्थान पत्रिका में माफिया ने बिगाड़ दी पार्वती नदी की सूरत, जगह-जगह दिख रहे खनन के घाव शीर्षक से 12 फरवरी को प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद जिला कलक्टर रोहिताश्व ङ्क्षसह तोमर ने कोटडी सुंडा गांव में अवैध बजरी खनन रोकथाम को लेकर 14 फरवरी से खनिज बजरी की चैक पोस्ट बनाए जाने को लेकर आदेश जारी किया था, जो 24 घण्टे नाके पर रहकर निगरानी करेंगे। हलांकि कलक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर ने बताया कि इन नाकों को 22 फरवरी तक अस्थायी तौर पर लगाया गया था। पिछले दो-तीन दिन से इन नाकों पर रात में कोई मौजूद नहीं मिला। इससे साफ है कि नाका स्थापना किए जाने के बाद भी इन पर पालना नहीं हो रही। रात में नाके पर बजरी के नाके वीरान हैं, ऐसे में बजरी माफिया और रात्रि के समय अवैध बजरी निकासी और परिवहन कर रहे हैं। इस मामले को लेकर पत्रिका टीम ने पड़ताल की। इसमें पाया गया कि 5 दिन से रात्रि के समय नाके पर कोई नहीं रहता है। रात्रि के समय दो दर्जन से अधिक ट्रैक्टर ट्रॉली रेत का परिवहन करते हुए पत्रिका टीम के कमरे में कैद हुए।
यह था आदेश आदेशानुसार नाके पर एक गिरदावर (प्रभारी), दो पटवारी, एक फॉरेस्ट कार्मिक, तीन पुलिस कार्मिक जिनमें एक हेड कॉस्टेबल एवं 2 पुलिस कॉस्टेबल को लगाने की बात कही गई थी। नाके पर लगाई गई टीम पर क्षेत्र में अवैध खनन/निर्गमन /भण्डारण आदि पर पूर्ण निगरानी का जिम्मा था।
एक सप्ताह भी नहीं बीता, वही पुराना ढर्रा खनिज बजरी चैक पोस्ट बने एक सप्ताह बीत गया। इस दौरान एक भी कार्रवाई नहीं की गई। कोटडी सुंडा गांव में खनिज बजरी चेक पोस्ट बनाए जाने के बावजूद भी एक भी मामला पकड़ा नहीं गया। क्षेत्र में प्रशासन की सुस्ती से बजरी खनन व ट्रैक्टर ट्रॉली से परिवहन लगातार जारी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद भी उप तहसील के गांवों में धड़ल्ले से बजरी खनन होकर प्रशासन की नाक के नीचे से रोजाना ट्रैक्टर ट्रॉली भरकर निकल रहे हैं। बजरी का खनन बेखौफ जारी है, लेकिन प्रशासन, पुलिस, खनिज विभाग व राजस्व विभाग प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रहे है।
दिन में भी इक्का-दुक्का ही दिखते कर्मी खनिज बजरी चेक पोस्ट कोटड़ी सुंडा में दिन में भी एकाध कर्मचारी नजर आते हैं। ग्रामीणों के अनुसार अंधेरा होते ही चेक पोस्ट से कर्मचारी नदारद होते हो जाते हैं, ऐसे में दो दर्जन से अधिक अवैध बजरी के ट्रैक्टर रात में अवैध खनन कर बजरी का परिवहन करते हैं।
अवैध खनन रुकना इसलिए है जरूरी पार्वती नदी लगातार हो रहे अवैध खनन से कराह रही हैं। इससे न केवल उनका प्राकृतिक बहाव मार्ग, स्वरूप बिगड़ रहा है। बल्कि इससे पर्यावरण को भी गंभीर खतरा पैदा हो रहा है। उप तहसील क्षेत्र से गुजरी पार्वती नदी के समीप स्थित लोलक्या, उल्थी, कोटड़ी सुंडा, दरड़पुरा, सेवनी किले के नीचे, चौपड़दिया किले के नीचे आदि स्थानों पर अवैध खनन हो रहा है। इसमें भी सर्वाधिक लोलक्या, उलथी, कोटडी सुंडा आदि गांव में अवैध खनन हो रहा है।
अगर प्रशासन ने यहां पर चैक पोस्ट लगाई है तो इस पर 24 घंटे कर्मियों की तैनाती रहनी चाहिए। रात को हो रहा अवैध खनन रुकना चाहिए। कलक्टर के आदेश की पालना करनी चाहिए।
भंवर लाल लबाना, सहायक खनिज अधिकारी, बारां हमने तो चैक पोस्ट पर सबकी ड्यूटी लगा रखी है। अगर रात को वहां कोई नहीं रहता तो आज शाम को ही मौके पर जाकर कार्रवाई करेंगे।
अभिमन्यु कुंतल, एसडीम, बारां