बिना जानकारी हुईं 10 बैठकें, फर्जी हस्ताक्षर से लिए फैसले
रूपिंदर कौर के अनुसार, 18 नवंबर 2021 को उनकी अध्यक्षता में जिला पंचायत के विकास कार्यों को लेकर पहली बैठक हुई थी, जिसमें सभी सदस्य और अधिकारी उपस्थित थे। लेकिन इसके बाद उन्हें किसी भी बैठक की जानकारी नहीं दी गई, न ही उन्हें बुलाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि दलजीत कौर और गुरु भाग सिंह ने 10 से अधिक बैठकों का आयोजन बिना अनुमति किया और उनके फर्जी हस्ताक्षर कर विकास कार्यों के नाम पर करोड़ों रुपये की हेराफेरी कर दी।फर्जी दस्तावेजों से करोड़ों का घोटाला!
रूपिंदर कौर ने स्पष्ट किया कि उन्होंने केवल 18 नवंबर 2021 की बैठक में हस्ताक्षर किए थे। उसके बाद जितनी भी बैठकें हुईं, उनमें उनके जाली हस्ताक्षर कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस धोखाधड़ी में गुरु भाग सिंह की सीधी संलिप्तता है, जो कि एक गंभीर आपराधिक मामला है।मुख्यमंत्री और डीजीपी को भेजी शिकायत, कार्रवाई की मांग
इस गंभीर भ्रष्टाचार की जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर 15 फरवरी 2025 को रूपिंदर कौर ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक (DGP) समेत अन्य उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा है।उन्होंने कहा कि “यह मेरे अधिकारों का हनन ही नहीं, बल्कि सरकारी धन की लूट और भ्रष्टाचार का बड़ा मामला है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।”