आईएमए अध्यक्ष बोले- अस्पतालों की आर्थिक स्थिति खराब, सेवाओं पर असर
आईएमए हॉल में हुई बैठक में आईएमए बरेली अध्यक्ष डॉ. आरके सिंह ने कहा कि भुगतान में देरी और अनुचित कटौती के कारण निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम संचालकों की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है। उन्होंने बताया कि कई अस्पतालों को म्यूचुअल फंड और फिक्स्ड डिपॉजिट तक तोड़ने की नौबत आ गई है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है। डॉ. सिंह ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी झूठे दावे कर रहे हैं और पिछले छह महीने से कोई भुगतान नहीं किया गया है। बैठक में 40 से अधिक डॉक्टरों ने अपने लंबित भुगतान का ब्योरा दिया, जिससे स्पष्ट हुआ कि केवल बरेली में 150 करोड़ से अधिक की राशि बकाया है। यदि निजी मेडिकल कॉलेजों को भी इसमें शामिल किया जाए तो यह आंकड़ा 200 करोड़ से अधिक हो सकता है।स्वास्थ्य विभाग का दावा- 87% भुगतान हो चुका, 13% जल्द जारी होगा
इस बीच, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आईएमए के आरोपों को खारिज किया। अधिकारियों का कहना है कि जिले में 238 अस्पताल आयुष्मान भारत योजना से जुड़े हुए हैं, जिनमें 178 निजी और 60 सरकारी अस्पताल शामिल हैं।स्वास्थ्य विभाग के अनुसार:
87% भुगतान पहले ही किया जा चुका है।केवल 13% राशि तकनीकी कारणों से रुकी हुई है, जिसे जल्द जारी कर दिया जाएगा।
आईएमए ने बताया स्वास्थ्य विभाग का दावा गलत
आईएमए के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग जिन 87% भुगतान की बात कर रहा है, वह छह महीने पहले की स्थिति थी। वर्तमान में 10% फाइलें भुगतान प्रक्रिया में शामिल ही नहीं हुई हैं और कई मामलों में जानबूझकर आपत्ति लगाकर फाइलें रिजेक्ट की जा रही हैं। डॉ. आरके सिंह ने कहा, “स्वास्थ्य विभाग का यह दावा पूरी तरह गलत है। हमें छह महीने से कोई पैसा नहीं मिला है। यह सिर्फ बरेली की बात नहीं है, पूरे प्रदेश में छोटे अस्पतालों का लाखों और बड़े अस्पतालों का करोड़ों रुपये बकाया है।”आईएमए ने आंदोलन की दी चेतावनी
बैठक में सरकार से जल्द भुगतान करने और अनुचित कटौती बंद करने की मांग की गई। अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आईएमए के बैनर तले उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा।बैठक में प्रमुख रूप से आईएमए सचिव डॉ. रतन पाल, कोषाध्यक्ष डॉ. शिवम, उपाध्यक्ष डॉ. डीपी गंगवार, डॉ. गौरव गर्ग, डॉ. शालिनी महेश्वरी, आयुष्मान टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. महेंद्र गंगवार, डॉ. शरद, डॉ. अजय अग्रवाल, डॉ. अजय भारती, डॉ. निकुंज गोयल, डॉ. राजीव गोयल, डॉ. अतुल श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।