वहीं निजी स्कूलों में किताबों के नाम पर भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।
प्राइवेट स्कूलों में किताबों की कीमत 10 गुना ज्यादा
सांसद मौर्य ने संसद में बताया कि एनसीईआरटी की 65 रुपये की किताब को निजी स्कूलों में 700 रुपये में बेचा जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन अभिभावकों पर मनमानी किताबें और ड्रेस खरीदने का दबाव बना रहे हैं। उन्होंने सरकार से शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने की मांग की।
निजी अस्पतालों पर भी साधा निशाना
सांसद ने कहा कि सरकारी अस्पतालों की बदहाली के कारण लोग मजबूरी में निजी अस्पतालों में इलाज करवाने जाते हैं, जहां मनमाने शुल्क वसूले जाते हैं। उन्होंने मांग की कि बरेली या आंवला में एम्स (AIIMS) की स्थापना की जाए, जिससे लोगों को उचित और सस्ता इलाज मिल सके।
जीएसटी से व्यापारी परेशान, सुधार की मांग
नीरज मौर्य ने जीएसटी (GST) प्रणाली में बदलाव की जरूरत बताते हुए कहा कि व्यापारी इससे परेशान हैं। उन्होंने सरकार से इस पर पुनर्विचार करने की मांग की ताकि व्यापारियों को राहत मिल सके और बाजार में स्थिरता बनी रहे।
बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था पर चिंता
उन्होंने देश में बढ़ती बेरोजगारी और आईटी कंपनियों में हो रही छंटनी को लेकर चिंता जताई। उन्होंने सरकार से मांग की कि बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता दी जाए और शहरों में दुकानें आवंटित कर उन्हें रोजगार के अवसर दिए जाएं।
बजट में शिक्षा और ग्रामीण विकास पर जोर देने की मांग
नीरज मौर्य ने कहा कि देश का विकास गांवों और प्राइमरी स्कूलों से होकर जाता है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यकों और महिलाओं को बेहतर शिक्षा और रोजगार देने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने रुपये की गिरती कीमत पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार को अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ठोस नीति बनानी होगी।