जिले की अमी मोहम्मद शाह की बस्ती के लुंभावास में धोखलोनी एवं कानाणी परिवार रहता है। इस परिवार के 12 सदस्यों ने शुक्रवार को देहदान के संकल्प पत्र मेडिकल कॉलेज संबंद्ध जिला अस्पताल अधीक्षक ड़ॉ बीएल मंसुरिया को सौंपे।
देहदान की घोषणा करने वालों में कमला देवी, गुड्डी देवी, वीरो देवी, शांति देवी, रुपो देवी, वीरो देवी, रतनाराम सेजू, व्याख्याता त्रिलोकाराम सेजू, अध्यापक डालूराम सेजू, शंकरलाल सेजू, मनमोहन सेजू,रायमल राम सेजू शामिल हैं।
परिवार सामाजिक सुधार के कार्यों में तत्पर रहता है। कुछ समय पूवे मृत्युभोज जैसी कुरीति पर अंकुश लगाने की पहल की थी। अब देहदान के लिए आगे आए हैं। मृत्यु के उपरांत शरीर मानव सेवा के लिए काम आए, इससे बड़ी क्या बात हो सकती है। जिले में देहदान की यह पहल निसंदेह अन्य लोगों को प्रेरित करने का कार्य करेगी।
- रतनाराम सेजू, देहदान संकल्पकर्ता
हमारा परिवार काफी समय से सोच रहा था कि कुछ ऐसा कार्य किया जो मानव सेवा के लिए काम आए। इसको लेकर हमने सामूहिक रूप से देहदान का संकल्प लेते हुए विधिवत घोषणा पत्र राजकीय चिकित्सालय प्रशासन को सौंपे हैं। मृत्यु के उपरांत हमारा शरीर निसंदेह मानव सेवा के लिए काम आएगा।
- त्रिलोकराम सेजू, देहदान संकल्पकर्ता
यह राजस्थान में पहला मौका है जब इतनी संख्या में एक ही परिवार के लोगों ने देहदान का संकल्प लिया है। इससे मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों को मानव शरीर संबंधित प्रायोगिक परीक्षण में मदद मिलेगी।
- डॉ. बीएल मंसूरिया, अस्पताल अधीक्षक
सबसे बुजुर्ग रतनाराम सेजू और वीरो देवी है 72 साल के है। सबसे युवा 28 वर्षीय गुड्डी देवी है। देहदान की घोषणा करने वालों में तीन पीढी के सदस्य दादा,पिता एवं पोते के साथ पुत्रवधु तथा कुछ अन्य महिलाएं शामिल है।