रतन दवे राजस्थान के बाड़मेर में एक वीरांगना की आंखों के आंसुओं में पति की याद है। फिर भी जोश से कहती है, अब कटेगा पाकिस्तान। भंवरी देवी वो वीरांगना हैं, जिनके पति भीखाराम के साथ पाकिस्तान ने अमानवीय हरकत की थी। भीखाराम के अंग भंग कर दिए थे। बीते गुरुवार को जब भारत की सेना ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ाए, उसे देखकर वीरांगना की आंखों में बदले की चमक लौट आई है। वीरांगना ने पति की तस्वीर पर प्रसाद चढ़ाया और कहा, … बधाई हो सा… आपका भारत इतिहास रच रहा है।
बाड़मेर के पातसर गांव के सिपाही भीखाराम करगिल युद्ध के समय जम्मू-कश्मीर में तैनात थे। युद्ध के दौरान उन्हें पाकिस्तान ने बंदी बनाया। उन्हें अमानवीय यातनाएं देकर अंग भंग कर दिए थे। 11 जून 1999 को जब उनका शव पहुंचा, तो उसे देखकर हर किसी का कलेजा कांप उठा था। वीरांगना ने कहा कि जब मिसाइलों ने लाहौर, कराची में तबाही मचाई, तो कलेजे को ठंडक मिली।
बॉर्डर पर करेंगी मदद
वीरांगना भंवरी ने कहा कि अब वह बाड़मेर के बॉर्डर पर जा रही हैं। वहां महिलाओं के साथ मिलकर सेना के जवानों के लिए भोजन, पानी और अन्य इंतजाम करने का प्रयास करेंगी। वीरांगना के इस जज्बे की हर किसी ने सराहना की है। स्थानीय लोग भी सहयोग के लिए जुटने लगे हैं।
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