सूखे मेवे के नाम से विख्यात है सांगरी
खेतों में खेजड़ी लगाने वाले किसान सांगरी से मालामाल हो रहे है। वहीं मजदूरों को भी रोजगार मिल रहा है। किसान के साथ मजदूर खेतों में खेजड़ी से हरी सांगरी उतारकर एकत्रित करते है। फिर घर लाकर उसे साफ कर पानी में उबालते है और धूप में सूखा देते है। सूखे मेवा के नाम से प्रसिद्ध सूखी सांगरी को किसान सालभर तक सब्जियों में काम लेने के साथ-साथ बाजार में भी बेचते है।काजू-बादाम से भी महंगी
बाजार में सूखी सांगरी काजू-बादाम से भी मंहगी बिक रही है। बाजार में काजू-बादाम के भाव करीब 1000 रुपए प्रति किलो रहता है, वहीं सूखी सांगरी 1200 से 1500 रुपए प्रति किलो के भाव से बिकती है। ऐसे में सांगरी ने काजू-बादाम को भी भावों में पछाड़ दिया है।सांगरी से रहता कोलेस्ट्रोल कम
कंट्रोल सांगरी की सब्जी कोलेस्ट्रॉल को कम करने और हृदय संबंधी विकार दूर करने में मदद करती है। सांगरी में सैपोनिन और फाइबर होते है, जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करके गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं। वहीं इसका उपयोग आयुर्वेदिक दवाइयों में भी किया जाता है।डॉ. मुकेश दवे, आयुष चिकित्साधिकारी