पूर्ववर्ती सरकार में इस सड़क को बनाने के लिए लगभग 72 लाख रुपए स्वीकृत हुए। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने उक्त सड़क का डामरीकरण करवा दिया लेकिन लगभग 300 मीटर रास्ता आपसी सीमा विवाद के कारण रह गया। पिछले 2 साल से प्रशासन ने कई बार रास्ते की पैमाइश कर पुलिस की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाया लेकिन हर बार अतिक्रमणकर्ता द्वारा फिर अतिक्रमण कर लिया जाता है।
5 दिन पहले दोनों पक्षों में कहासुनी के बाद रास्ते को पूर्णत बंद कर दिया गया जिससे 30 घरों के लोगों का आवागमन पूर्णत बंद हो गया। दो दिन पहले तहसील प्रशासन ने पुनः पैमाइश कर पुलिस की मौजूदगी में आधे रास्ते का अतिक्रमण हटाया लेकिन एक पक्ष ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय के पास कंटीली टहनीया लगाकर फिर रास्ते को बंद कर दिया।
अब जरख्या की ढाणी के लोगों को कही भी आने जाने के लिए 3 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय कर बाड़ापदमपुरा होते हुए आना जाना पड़ रहा है जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है। ग्रामीणों ने पडे रास्ते को चालू करवाने की मांग की है।