बाल आरक्षक बनने वाले आलोक अपनी मां प्रीतिलता वर्मा एवं चाचा संजय वर्मा के साथ एसएसपी कार्यालय पहुंचे थे। इस दौरान अधिकारियों ने आत्मीय व्यवहार के साथ नियुक्ति की प्रक्रिया को पूर्ण कराया। परिजनों ने इस सहयोग व संवेदनशीलता के लिए वरिष्ठ अधिकारियों का आभार व्यक्त किया।
3 मार्च को आरक्षक का आकस्मिक निधन
आलोक वर्मा के पिता संदीप वर्मा आरक्षक के पद पर पदस्थ थे। उनका 3 मार्च को आकस्मिक निधन हो गया था। इस दुखद घटना के बाद दुर्ग रेंज के पुलिस महानिरीक्षक रामगोपाल गर्ग ने
अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र कार्यवाही के निर्देश दिए थे। सभी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद आलोक को पुलिस विभाग में बाल आरक्षक के पद पर नियुक्त किया गया।
नियुक्ति पत्र सौंपते समय सभी हो गए भावुक
पिता संदीप वर्मा ने बतौर आरक्षक विभाग की सेवा की लेकिन असमय उनकी मृत्यु हो गई, जिससे उनके सामने बड़ा संकट आ गया। एक ओर घर का अभिभावक नहीं रहा तो दूसरी ओर परिवार पर दुख का पहाड़ टूट गया। लेकिन इसके बावजूद पुलिस विभाग ने मृत आरक्षक के पुत्र सात वर्षीय आलोक को बाल आरक्षक का नियुक्ति पत्र सौंपा, ताकि परिवार को भरण-पोषण हो सकें। इस दृश्य ने मौजूद सभी लोगों को भावुक कर दिया।
ये भी रहे मौजूद
इस अवसर पर मुय लिपिक उप निरीक्षक हरिओम विश्वकर्मा, लिपिक दीपक गर्जेवाल, उप निरीक्षक आरके कश्यप, एसपी रीडर सउनि विष्णु सप्रे सहित पुलिस विभाग के अन्य कर्मी मौजूद रहें।