हकीकत ये… जेल में चलता रहा वसूली का खेल हकीकत यह है कि सेवर जेल में अनाधिकृत सामग्री मोबाइल, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट, शराब, बाहर का बना खाना व अन्य नशीले पदार्थ अंदर ले जाने की बात सामने आती रही है। करीब तीन साल पहले भी कुछ कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। साथ ही मुख्यालय स्तर पर भी शिकायत की जांच कराई गई थी, लेकिन अब भी इस तरह के मामले कम नहीं हो रहे हैं।
केस नंबर एक: 20 हजार रुपये मासिक वसूली का दबाव ग्राम गढ़ी तहसील रूपवास निवासी प्रदीप कुमार ने मानव अधिकार आयोग सहित गृह राज्य मंत्री, डीजीपी जेल, जेल अधीक्षक, कलक्टर और एसपी को शिकायत पत्र भेजा है। उसने जेल प्रहरी भरत सिंह कुंतल पर आरोप लगाया कि वह जेल में बंद उसके भाई कुलविंदर उर्फ कुल्लू से तलाशी के नाम पर अमानवीय व्यवहार करता है और 20 हजार रुपए मासिक वसूली की मांग करता है। पैसे नहीं देने पर झूठे नशे के आरोप लगाकर जेल रिकॉर्ड खराब करने की धमकी देता है। इसके अलावा महंगे जूते और ट्रैक शूट जैसी वस्तुओं की मांग करता है।
केस नंबर दो: प्रताडऩा और वसूली का आरोप डीग निवासी बंटी गुर्जर जो डेढ़ साल की सजा काटकर चार माह पहले रिहा हुआ है, ने भी प्रहरी भरत सिंह पर संगीन आरोप लगाए हैं। बंटी का कहना है कि जब भी भरत सिंह की जेल में ड्यूटी होती थी। वह बंदियों से मासिक बंदी के रूप में हजारों रुपए मांगता था। पैसे नहीं देने पर उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता था। यदि कोई बंदी उसकी शिकायत करता है तो उसे कठोर यातनाएं दी जाती थीं। प्रहरी के डर से बंदी अपने परिवार वालों से एसटीडी फोन पर बात कर पैसा मंगाते थे और उसको पैसा देते थे, तब जाकर वे चैन से रह पाते थे।
आरोपियों की पृष्ठभूमि भी संदिग्ध हालांकि जेल प्रहरी पर आरोप लगाने वाले दोनों व्यक्तियों की आपराधिक पृष्ठभूमि भी संदिग्ध बताई जा रही है। बंटी गुर्जर के खिलाफ विभिन्न आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। बताया जा रहा है कि उसने पूर्व में एक प्रहरी की मदद से अवांछित सामग्री जेल में मंगवाई थी, जिसे पकड़े जाने पर संबंधित प्रहरी बंटी को निलंबित कर दिया गया था।
आरोप झूठे और निराधार: प्रहरी -मुझ पर लगाए गए सभी आरोप झूठे और निराधार हैं। जिन लोगों के नाम लिए जा रहे हैं, मैं उन्हें जानता तक नहीं हूं। यह सब मनगढ़ंत आरोप हैं।
-भरत सिंह कुंतल, प्रहरी, सेवर जेल भरतपुर
प्राप्त शिकायत की जांच जारी है: जेल अधीक्षक प्रहरी भरत सिंह कुंतल के खिलाफ शिकायत मिली है, जिसकी जांच की जा रही है। यदि वह दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी और उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया जाएगा।
-परमजीत सिंह सिद्धू, अधीक्षक, केंद्रीय कारागृह सेवर, भरतपुर