CG News: पहले 24 फरवरी 2018 को कलेक्टर ने लगाया था प्रतिबंध
गौरतलब है कि भारत माला प्रोजेक्ट की सड़क के लिए जिले के 26 गांवों से होकर गुजर रही है। इन गांवों में सड़क के दायरे में आ रही जमीन और इसके 100 मीटर के दायरे में आ रही जमीनों की खरीदी बिक्री पर 24 फरवरी 2018 को तात्कालीन कलेक्टर ने प्रतिबंध लगाया था। यह प्रतिबंध अब भी बरकरार है। इधर भारत माला प्रोजेक्ट की सड़क के लगभग सामानांतर खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा परियोजना के तहत नई रेलवे लाइन का बिछाया जाना है।
अब रेलवे का फैसला
यह रेलवे लाइन दुर्ग ब्लाक के 12 और पाटन ब्लाक के 11 यानि 23 गांवों से होकर गुजर रही है। ये अधिकतर गांव वही है, जहां से भारत माला प्रोजेक्ट की सड़क गुजर रही है। इधर रेलवे की पत्र के बाद जिला प्रशासन की ओर से कलेक्टर अभिजीत सिंह ने 11 अप्रैल 2025 को आदेश जारी कर इन गांवों की जमीन की खरीदी बिक्री पर आगामी आदेश तक प्रतिबंध लगा दिया है। भारत माला के केवल 4 गांव से हटा प्रतिबंध
जिले में भारत माला प्रोजेक्ट की सड़क के लिए 26 गांवों के किसानों की जमीनों की खरीदी बिक्री पर 2018 में प्रतिबंध लगाया गया था। किसानों के लंबे संघर्ष के बाद 7 साल बाद इनमें से केवल 4 गांवों से प्रतिबंध हटाया गया है। शेष गांवों में खरीदी-बिक्री पर प्रतिबंध अब भी बरकरार है। बताया जा रहा है कि शेष गांवों में भूमि अधिग्रहण का विवाद अब तक नहीं सुलझाया जा सका है। इससे इन गांवों के किसान अब भी परेशानी झेल रहे हैं।
किसानों की यह आपत्ति
भारत माला प्रोजेक्ट के लिए जमीन की खरीदी बिक्री पर सड़क के दायरे में आ रही जमीन और इससे लगे 100 मीटर पर प्रतिबंध लगाया गया था। इसमें प्रतिबंधित खसरे की स्थिति स्पष्ट थी, लेकिन ताजा मामले में रेलवे लाइन की जद में आ रही जमीन और खसरे की स्थिति स्पष्ट नहीं है। कलेक्टर की ओर से जारी आदेश में खसरे की जगह केवल गांवों के नामों की जिक्र कर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इससे समूचे गांव में प्रतिबंध प्रभावशील हो गया है।
प्रतिबंध की वजह यह
आमतौर पर इस तरह के बड़े प्रोजेक्ट की शुरुआत होते ही सरकारी अधिग्रहण को लेकर भ्रम फैलाकर जमीन की खरीदी बिक्री करने वाले भू-माफिया व दलाल सक्रिय हो जाते हैं। ऐसे लोग ग्रामीणों को भ्रमित कर जमीन सस्ते दर पर खरीद लेते है और उसी जमीन को ज्यादा कीमत पर बेंचकर मुनाफाखोरी करते है। इसके अलावा जमीन के ज्यादा टुकड़े से ज्यादा मुआवजा के फेर में बटांकन करा लिया जाता है। इससे वास्तविक भू-स्वामियों को लाभ नहीं मिल पाता।
इन गांवों की जमीन की खरीदी बिक्री पर प्रतिबंध
पाटन ब्लाक – ठकुराईनटोला, बठेना, देमार, अरसनारा, नवागांव, देवादा, सांतरा, मानिकचौरी, बोहारडीह, फेकारी, धौराभाठा। दुर्ग ब्लाक – घुघसीडीह, खोपली, बोरीगारका, पुरई, कोकडी, कोडिय़ा भानपुरी, चंदखुरी, कोनारी, चंगोरी, विरेझर, थनौद। प्रभावित किसान व अधिवक्ता जेके वर्मा ने कहा कि खरीदी-बिक्री पर रोक का आदेश अदूरदर्शितापूर्ण है। रेलवे से जद में आ रही संबंधित जमीन के खसरा नंबरों की जानकारी लेकर प्रतिबंध लगाया जाना था। ताजा आदेश से पूरे गांव में प्रतिबंध लग गया है। इससे एक ओर जहां सात साल से किसान जमीन का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं, वहीं अब नई प्रतिबंध के कारण उपयोग से वंचित हो रहे हैं।