ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत 20 मार्च को मेट्टुपालयम, कोयंबटूर, तमिलनाडु निवासी वहीदुर रहमान जैनुल्लाबुद्दीन को गिरफ्तार किया है। उसे विशेष अदालत, पटियाला कोर्ट में पेश किया। जहां से ईडी की हिरासत में भेज दिया। ईडी ने बताया कि कोच्चि, दिल्ली समेत अन्य एजेंसियों की ओर से दर्ज एफआइआर के आधार पर पीएमएलए के तहत पीएफआइ व अन्य के खिलाफ जांच शुरू की। जांच से पता चला कि पीएफआइ के सदस्य भारत में आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए बैंकिंग चैनलों, हवाला, दान के माध्यम से विदेशों से धन जुटाने की साजिश कर रहे थे। तलाशी के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य मिले। उनकी जांच से पता चला की पीएफआई व एसडीपीआई से फंड मिल रहा है।
इन शहरों में की थी कार्रवाई 20 मार्च को ईडी ने पीएफआई व एसडीपीआई से संबंधित नामों के तहत तमिलनाडु के मेट्टुपलायम, कोयम्बटूर व आर्कोट, वेल्लोर, राजस्थान के भीलवाड़ा व कोटा, कोलकाता, केरल के कोट्टायम व पलक्कड़ में कार्रवाई की थी। ईडी के अनुसार गिरफ्तार वहीदुर रहमान पीएफआई का ट्रेनर था तथा एसडीपीआई से भी जुड़ा हुआ है। पीएफआई व एसडीपीआई युवाओं को आक्रामक व रक्षात्मक युद्धाभ्यास के लिए हथियारों का प्रशिक्षण देता है।
बैंक खातों की छानबीन ईडी ने एसडीपीआइ के बैंक खातों की जांच से पता चला कि विभिन्न व्यक्तियों के माध्यम से बैंक खातों से एसडीपीआई में बड़ी रकम ट्रांसफर की थी। इसे दान के रूप में दिखाया। बैंक से प्राप्त नकद जमा पर्चियों से पता चला कि वहीदुर ही इन राशियों को विभिन्न व्यक्तियों के खातों में नकद में जमा करता था। ईडी ने अब तक 61.72 करोड़ रुपए की संपत्तियां कुर्क की हैं।