राजस्थान पत्रिका ने 5 मार्च को “बनास नदी में माफिया राज: मिलीभगत के खेल से बजरी का अंधाधुंध दोहन” तथा 6 मार्च को “प्रशासन कब जागेगा: बजरी माफिया व्यवस्था पर हावी” शीर्षक से प्रमुखता से समाचार का प्रकाशन किया था। इसके अलावा भी अवैध बजरी खनन को लेकर पत्रिका लगातार श्रृंखलाबद्ध खबरों का प्रकाशन कर रहा है। इसे पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र यादव ने गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इस पर मांडलगढ़ में लगे प्रशिक्षु आईपीएस जतिन जैन के नेतृत्व में तड़के चार बजे धांगड़ास व कलुंदिया के निकट से गुजरी बनास नदी में कार्रवाई की गई। धांगड़ास से 7 एलएनटी व 6 डंपर समेत दुपहिया व चौपहिया वाहन जब्त किए। कलुंदिया से 2 जेसीबी व 15 डंपर जब्त किए। अचानक की कार्रवाई से बजरी माफिया अपने वाहन छोड़कर भाग निकले। पुलिस ने तीन लोगों को पकड़ा।
बिना मिलीभगत संभव नहीं, कार्रवाई से थाने को दूर रखा मंगरोप, हमीरगढ़ समेत कई गांवों से गुजर रही बनास नदी में बजरी का अवैध खनन पुलिस की मिलीभगत के सम्भव नहीं है। इसके चलते कार्रवाई के लिए प्रशिक्षु आइपीएस को कमान सौपी। मंगरोप और हमीरगढ़ थाना पुलिस को इसकी भनक नहीं लगने दी। कार्रवाई के बाद इन थाना पुलिस को बुलाया गया। एसपी यादव ने बनास नदी में बजरी का अवैध खनन के मामले में कार्य के प्रति लापरवाही बरतने पर मंगरोप थानाप्रभारी हरसाना को निलंबित कर दिया। कार्रवाई से अन्य थानाप्रभारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है।
4 से 5 लाख तक का जुर्माना पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद वाहन मालिकों को खनिज विभाग में जुर्माना राशि जमा करानी होगी। एनजीटी के निर्देश की पालना में अवैध खनन के मामले में जब्त वाहनों पर जुर्माना लगाया जाएगा। जेसीबी, एनएलटी व डंपर पर 4 से 5 लाख का जुर्माना वसूलने का प्रावधान है।
मीडियाकर्मियों को जान से मारने की धमकी कार्रवाई से बौखलाए बजरी माफिया ने मीडियाकर्मियों को जान से मारने की धमकी दी और गाली-गलौच की। इस दौरान पुलिस व खनिज विभाग का जाप्ता मौजूद था। विवाद बढ़ता देखकर पुलिस ने बजरी माफियों को वहा से हटाया।