पुलिस ने अवैध खनन में लिप्त 38 वाहन जब्त किए। इनमें 7 पोकलेन, 2 जेसीबी, 7 ट्रेलर, 14 डम्पर, 2 ट्रैक्टर-ट्रॉली, 2 लग्जरी कार तथा 4 बाइक शामिल हैं। अवैध खनन के मामले में गिरफ्तार तीन जनों को न्यायालय में पेश किया, जहां से उनको रिमांड पर भेज दिया। पुलिस अभी यह खुलासा नहीं कर पाई है कि अवैध खनन के पीछे किसका हाथ है। ग्रामीणों का कहना है कि बिना राजनेताओं के संरक्षण के अवैध बजरी का दोहन नहीं हो सकता है। मंगरोप मांडल विधानसभा क्षेत्र में आता है।
धांगड़ास, कलुंदिया व महेशपुरा में कार्रवाई पुलिस की ओर से मंगरोप थाने में दर्ज की गई पांच एफआइआर में बताया कि सभी वाहन नदी में थे। पुलिस को देखकर वाहन में भरी बजरी को मौके पर खाली करके वाहन चालक झाडि़यों व गड्ढों के कारण फरार होने में सफल रहे। पुलिस ने कार्रवाई मंगरोप थाना क्षेत्र के धांगड़ास व कलुंदिया बनास नदी व महेशपुरा के रास्ते में की थी। पुलिस ने पांचों मामले धारा 303 (2) बीएनएस व 4/21 एमएमडीआर एक्ट में दर्ज कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
इन्हें किया गिरफ्तार धागंड़ास स्थित बनास नदी से सियार निवासी नारायण (35), दलेलसिंह का खेडा निवासी संजय जाट (25) तथा कलुंदिया बनास नदी से रीट, कोटड़ी निवासी ओमप्रकाश गाड़री (42) को गिरफ्तार किया। संजय ने पुलिस को बताया था कि वह नारायण के लिए बजरी खनन का काम करता है। वहीं ओमप्रकाश गाड़री का कहना था कि बनास नदी में डंपर, ट्रेलर व जेसीबी के मालिक गुजर समाज से हैं।
पुलिस रडार पर, नप सकते अन्य पुलिसकर्मी मंगरोप थाना क्षेत्र में बनास नदी में अवैध बजरी का खुलेआम खेल खेला जा रहा था। कार्रवाई ने साबित कर दिया कि बिना पुलिस की मिलीभगत के यह सम्भव नहीं था। पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र यादव ने मंगरोप थानाप्रभारी विवेक हरसाना को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलंबित किया। मंगरोप थाने का स्टॉफ समेत अन्य थानों के प्रभारी और वहां के पुलिसकर्मी अवैध बजरी खनन में रडार पर है। गोपनीय रूप से इनकी भी जांच चल रही है। इनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। ऐसे में पुलिस महकमे में हड़कम्प मचा हुआ है।