खनिज अभियंता महेश शर्मा ने बताया कि शुक्रवार रात को डीएसटी टीम को सूचना मिली की कोटड़ी तहसील के सांकरिया का खेड़ा में खातेदारी जमीन पर अवैध गारनेट बनाने का काम चल रहा है। इस पर पुलिस टीम ने खनिज विभाग के फोरमेन जोगाराम के साथ कार्रवाई की। मौके पर 7 ट्रेक्टर, 2 जेसीबी तथा 5 सेपरेटर मशीन जब्त की। पुलिस व खनिज विभाग की टीम को देखकर अवैध खननकर्ता मौके से फरार हो गए। अवैध खनन के दो बड़े पिट भी नजर आए हैं।
कोटड़ी क्षेत्र बना गारनेट का बड़ा अड्डा खनिज अभियंता ने बताया कि उनके पास एक भी फोरमेन न होने पर बिजौलिया फोरमेन गिरीराज मीणा को बुलाकर आगे की कार्रवाई को अंजाम दिया। कोटड़ी क्षेत्र लगातार अवैध गारनेट बनाने का बड़ा अड्डा बनता जा रहा है। सांकरिया का खेड़ा में खनिज गारनेट अब्रासिव मिक्स मिट्टी पड़ी थी। जिसे सेपरेटर के माध्यम से गारनेट निकालने का काम चल रहा था। मौके पर स्थाई रूप से दो सेपरेटर मशीन लगा रखी थी।
पंचनामा बनाकर वसूला जाएगा जुर्माना मीणा ने बताया कि खातेदारी जमीन पर अवैध खनन कर गारनेट तैयार करने के मामले में खरवाणा का झोपड़ा के शंकरलाल बैरवा, सांकरिया का खेड़ा निवासी छोटूलाल गुर्जर तथा नाका का खेड़ा निवासी गोविन्दसिंह के खिलाफ सदर थाने में मामला दर्ज करवाया है। सभी वाहन व मशीनों को सदर थाना पुलिस के सुपुर्द किया है। मीणा ने बताया कि इन तीनों के खिलाफ पंचनामा बनाकर लगभग 5 से 6 लाख रुपए की वसूली की जाएगी।
विदेशों में जा रहा गारनेट मिट्टी से निकलने वाले पत्थर के कण को गुलाबी सैंड गारनेट कहते है। यह बजरी, मिट्टी के अलावा अंटार्कटिक के पर्वतों में सबसे ज्यादा पाया जाता है। यह क्रिस्टल के रूप में काम आता है। इसका उपयोग ब्लास्टिंग मीडिया, अपघर्षक, पीसने वाले पहिए, मोज़ेक कटिंग पत्थर, सजावटी दीवार प्लास्टर, सिरेमिक, पिक्चर ट्यूबों की पॉलिशिंग, ग्लास पॉलिशिंग और सड़कों, हवाई पट्टियों आदि के लिए एंटीस्किड सतह के निर्माण के लिए किया जाता है। कोटड़ी क्षेत्र से निकलने वाले इस गारनेट का निर्यात हो रहा है।